ड्रग तस्करों के खिलाफ फिल्मी स्ट्राइक पर यूपी व यूके पुलिस में ठनी
उत्तराखंड पुलिस ने निर्दोषों को हिरासत में लिया -यूपी पुलिस
स्ट्राइक के दौरान किसी से अभद्रता नहीं की-एसएसपी मिश्रा
उत्तराखंड पुलिस ने हिरासत में लिए 25 में से 24 को छोड़ा
बरेली/रुद्रपुर। ड्रग तस्करों पर चर्चित सर्जिकल स्ट्राइक पर यूपी व यूके पुलिस आमने सामने आ गयी है। दोनों राज्यों की।पुलिस अपने हक इन सबूत पेश कर रही है। इस सर्जिकल स्ट्राइक का मसला उच्च स्तर तक पहुंच गया है। यूपी व उत्तराखंड की।पुलिस एक दूसरे पर आरोप मढ़ रही है। ड्रग तस्करों को पकड़ने बरेली गयी उत्तराखंड की पुलिस पर स्थानीय ग्रामीणों ने निर्दोषों को फंसाने के आरोप लगाया है।
बरेली पुलिस का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस ने बिना उन्हें विश्वास में लिए फिल्मी अंदाज में गांव में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। उत्तराखंड पुलिस ने सहरी के वक्त गांव इन घुसकर 25 ड्रग तस्करों को पकड़ने का दावा किया था। इधऱ, 48 घण्टे से जारी आरोप-प्रत्यारोप के बाद सर्जिकल स्ट्राइक ने दोनों राज्यों की पुलिस की उलझन बढ़ा दी है। आलाधिकारी भी इस प्रकरण से हैरत में हैं।
आलम यह है कि दोनों राज्यों के एसएसपी मणिकांत मिश्रा व अनुराग आर्य अपने स्टैंड को लेकर मीडिया को सबूत भी पेश कर रहे हैं।
बहरहाल, बरेली के गांव से हिरासत से निर्दोष बताकर छोड़े गए 15 में 14 ग्रामीणों के स्वजन ने मंगलवार को थाने पहुंचकर आठ तहरीरें दीं। उनका कहना था कि उत्तराखंड के पुलिसकर्मियों ने बेवजह दरवाजे तोड़े व महिलाओं से अभद्रता की।
इन शिकायतों पर जांच का आश्वासन देने वाली बरेली पुलिस ने उत्तराखंड टीम पर पलटवार भी किया। स्थानीय अधिकारियों ने कहा कि उत्तराखंड के तस्कर मैदान इलाके में स्मैक खपा रहे। इसकी पुष्टि के लिए चार वर्षों में पकड़े गए 64 आरोपितों का ब्योरा भी सार्वजनिक कर दिया।
गौरतलब है कि रविवार रात बारात वाले स्टीकर लगी बसों-कारों से उत्तराखंड के 300 अधिकारी-पुलिसकर्मी फतेहगंज पश्चिमी व अगरास के कई घरों में घुसे थे। इस दबिश को ‘स्ट्राइक’ बताकर वहां के अधिकारियों ने प्रेस नोट व कई वीडियो-फोटो जारी किए थे।
उन्होंने दावा किया कि उत्तराखंड को ड्रग्स मुक्त बनाने के लिए दूसरे राज्य (उत्तर प्रदेश) में घुसकर तस्करों की कमर तोड़ दी। 25 आरोपियों को पकड़ा है।
सोमवार सुबह से दोपहर तक पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिलने पर उधमसिंहनगर पुलिस ने 15 ग्रामीणों को छोड़ दिया। सिर्फ एक वांछित आसिफ की गिरफ्तारी दर्शाई। इनकी वापसी के बाद बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने थानों से रिकार्ड चेक कराया। उनका कहना था कि इन 15 ग्रामीणों में 14 पर कभी कोई मुकदमा नहीं हुआ, सिर्फ एक पर मारपीट का केस दर्ज है।
इसके बाद सोमवार देर रात तक उत्तराखंड पुलिस टीम कहती रही कि बरेली के शेष नौ संदिग्धों से पूछताछ में सुराग मिलेंगे। बरेली के एसएसपी बार-बार दोहराते रहे कि शेष नौ लोग इस जिले के नहीं हैं।
आखिरकार, मंगलवार सुबह उत्तराखंड पुलिस ने स्वीकारा कि वे नौ लोग बरेली नहीं, बल्कि आसपास क्षेत्र के थे। उन लोगों को भी पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।
यहां, यह भी उल्लेखनीय है कि उधमसिंहनगर जिले का बार्डर बरेली की सीमा से लगता है। साथ ही नेपाल की सीमा तक भी उधमसिंहनगर की सीमा छूती है।
मौजूदा समय में उत्तराखंड में यूपी व नेपाल से मादक पदार्थों की तस्करी जोरों पर चल रही है। पहाड़ के कई कस्बों में नशा तस्करों ने जाल बिछाया हुआ है। पुलिस के साथ क्यो संगठन भी ड्रग तस्करों के इस घातक नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटे हैं।
ऐसे ही गोपनीय सूचना मिलने पर एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने फिल्मी स्टाइल में बरेली के मुस्लिम बहुल गांव में सहरी के समय छापे की कार्रवाई की। बिना बरेली पुलिस को विश्वास में लिए ड्रग तस्करों के खिलाफ सजिर्कल स्ट्राइक सत्ता के गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
किसी भी महिला से अभद्रता नहीं की-एसएसपी
नशा तस्करों का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिए ऊधम सिंह नगर पुलिस की कार्रवाई के बाद छोड़े गए लोगों के स्वजन के लगाए गए आरोपों को ऊधम सिंह नगर पुलिस ने नकार दिया है। एसएसपी ऊधम सिंह नगर मणिकांत मिश्रा ने कहा कि कार्रवाई के दौरान किसी भी महिला से अभद्रता नहीं की गई। हमारी टीम के साथ महिला पुलिस अधिकारी-कर्मचारी भी थीं। तोड़फोड़ की गई है या नहीं, इसके प्रमाण भी फतेहगंज पश्चिमी व अगरास में जगह-जगह लगे सीसीटीवी दे देंगे।
रविवार आधी रात बाद ऊधम सिंह नगर पुलिस बरेली के फतेहगंज पश्चिमी व अगरास में दबिश मामले में पकड़कर छोड़े गए संदिग्धों के स्वजन ने मंगलवार को फतेहगंज पश्चिमी थाने में उत्तराखंड के पुलिसकर्मियों पर बेवजह दरवाजे तोड़ने, महिलाओं से अभद्रता करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।
उत्तराखंड के तस्कर मैदान में स्मैक खपा रहे-बरेली पुलिस
बरेली पुलिस ने भी उत्तराखंड पुलिस टीम पलटवार कर कहा है कि उत्तराखंड के तस्कर मैदान में स्मैक खपा रहे है। इसके लिए उन्होंने चार साल में 64 तस्करों की गिरफ्तारी के आंकड़े सार्वजनिक किए हैं। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने कहा कि हमारी पुलिस पर लगाए जा रहे आरोप झूठे है। उत्तराखंड से उप्र में स्मैक तस्करी की कोई सूचना नहीं है। बरेली मादक प्रदार्थ का हब है। जहां से उत्तराखंड के साथ ही अन्य राज्यों में भी नशा तस्करी हो रही है।
तहरीर में किसने क्या आरोप लगाया
फतेहगंज पश्चिमी निवासी नजीरा ने तहरीर में लिखा कि रविवार रात को दरवाजे तोड़कर उत्तराखंड के पुलिसकर्मी घर में घुस आए। पूरे घर की तलाशी में कुछ नहीं मिला तो पति नईम, देवर वसीम व बेटे मुशीर को पकड़कर ले गए। अतलारक्खी ने कहा कि बेटे सरताज को तेज बुखार होने के कारण डाक्टर के पास ले जाने की तैयारी कर रहे थे तभी कई पुलिसकर्मी धमकाते हुए घर में घुस आए। फिर पति जुबैर हुसैन को पकड़कर ले गए। नन्मी का आरोप था कि पुलिसकर्मियों ने अभद्रता की, फिर बेटे आलम को ले गई। सुनीदा ने आरोप लगाया कि पुलिस ने तोड़फोड़ की, विरोध पर बेटे दानिश को ले गई।
रूबीना ने तहरीर में लिखा कि सहरी के समय बेटा शहजाद पड़ोसी के घर से चायपत्ती मांगकर ला रहा था। रास्ते से पुलिस ने पकड़ लिया। शहाना ने आरोप लगाया कि बेटे जुबैर और सोमवती ने आरोप लगाया कि पति रोशनलाल, बेटे विजय एवं प्रमोद को पुलिस पकड़कर ले गई।
वरीश ने तहरीर में लिखा कि दरवाजा तोड़कर घर में घुसी पुलिस ने बेटे शाहिद, राशिद अदनान, आसिफ को पकड़ लिया। इन सभी को बसों में भरकर उत्तराखंड ले जाया गया। वहां से छूटने पर सोमवार सात बजे तक सभी घर पहुंचे।
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