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Big breaking :-जोशीमठ क़ो लेकर हरदा का मौन ध्यान, 1 घंटे जबरदस्त ठंड में यहाँ बैठे

 

हरीश रावत देहरादून के गाँधी पार्क में रात में बैठे मौन धरने पर जोशीमठ में हो रहें भू धसाव और सरकारी उदासीनता के मुद्दे पर हरीश रावत का धरना साथ में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी मौजूद रहें हरीश रावत 8 बजे से 9 बजे तक बैठे

 

#मौन_ध्यान
#जय_बद्री_विशाल

#जोशीमठ हमारी सभ्यता का केंद्र है, जहां जगतगुरु शंकराचार्य जी ने तपस्या की थी, आज वह देवभूमि हमारी गलतियों और हमारी लापरवाहियों के कारण संकट में है, लोगों के घर धंस रहे हैं, जीवन खतरे में है, कब कहां धंसाव पैदा हो जाए किसी को कुछ अनुमान नहीं है, एक बहुत बड़ी चुनौतीपूर्ण समस्या जोशीमठ को बचाने की, हुक्मरां देहरादून में भी और दिल्ली में भी शायद अनहोनी की प्रतीक्षा कर रहे हैं!

 

जहां सारे एक्सपर्ट भेज कर व अध्ययन कर संकट की स्थिति में बचाव के सब उपाय यथा स्थिति किए जाने चाहिए थे, वहां केवल औपचारिकताएं हो रही हैं। जोशीमठ में कुछ भाई-बहन बाहर ठंड में भी अपने सामान्य वस्त्रों के साथ टिन के बरामदों में सो रहे हैं। उनके साथ अपनी भावनात्मक एकात्मकता जाहिर करने के लिए आज गांधी पार्क देहरादून में मैं, राष्ट्रपिता #महात्मा_गांधी जी की प्रतिमा के सामने #मौन ध्यान पर बैठा हूं।

#जोशीमठ बचाओ, हमारे संस्कृति के देवस्थल को बचाओ।।

 

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जोशीमठ भू धसाव के लिए केंद्र व राज्य सरकार को त्वरित कारवाई की माँग के साथ कड़क ठंड में रात्रि में गांधी पार्क रखा मौन उपवास

।पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज रात्रि कड़ाके की ठंड में गांधी पार्क में जोशीमठ के भू धसाँव के लिए केंद्र व राज्य सरकार से त्वरित कारवाई की माँग व वहाँ की जनता के प्रति अपनी एकजुटता प्रदर्शित करने मौन उपवास /ध्यान लगाने के लिये बैठे ।इस अवसर पर उन्होंने कहा कि जोशीमठ हमारी सभ्यता का केंद्र है, जहां जगतगुरु शंकराचार्य जी ने तपस्या की थी, आज वह देवभूमि हमारी गलतियों और हमारी लापरवाहियों के कारण संकट में है, लोगों के घर धंस रहे हैं, जीवन खतरे में है, कब कहां धंसाव पैदा हो जाए किसी को कुछ अनुमान नहीं है

 

 

 

, एक बहुत बड़ी चुनौतीपूर्ण समस्या जोशीमठ को बचाने की, हुक्मरां देहरादून में भी और दिल्ली में भी शायद अनहोनी की प्रतीक्षा कर रहे हैं! जहां सारे एक्सपर्ट भेज कर व अध्ययन कर संकट की स्थिति में बचाव के सब उपाय यथा स्थिति किए जाने चाहिए थे, वहां केवल औपचारिकताएं हो रही हैं। जोशीमठ में कुछ भाई-बहन बाहर ठंड में भी अपने सामान्य वस्त्रों के साथ टिन के बरामदों में सो रहे हैं। उनके साथ अपनी भावनात्मक एकात्मकता जाहिर करने के लिए ही आज मैं गांधी पार्क देहरादून में 1 घंटा मैं मौन ध्यान लगा रहा हूँ सामान्य वस्त्रों में गांधी पार्क में बैठ कर भगवान से प्रार्थना करूंगा कि देहरादून से दिल्ली तक लोग जोशीमठ बचाओ, हमारे संस्कृति के देवस्थल को बचाओ, के लिए भगवान बद्रीविशाल और केदारबाबा से प्रार्थना करने बैठा हूँ

 

 

,यह भी कहा कि पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से जोशीमठ की जनता इसभू धसावँ पर अवज उठा रही थी परंतु सरकार ने इस पर गौर करने की आवश्यकता नहीं समझी ।यहाँ तक कि आपदा सचिव भी अब सर्वेक्षण के लिए जा रहें है ।उन्होंने यह भी जोड़ा की क्या टनलों ही इस सभी का कारण है या कुछ और इस का भी पता चलना चाहिए ।इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत, पृथ्वीपाल चौहान, आचार्य नरेशानंद नौटियाल, महेंद्र नेगी गुरु जी, ओम प्रकाश सती बब्बन, सुशील राठी, श्याम सिंह चौहान, रितेश छेत्री, संजय थापा, वीरेंद्र पोखरियाल, कमल रावत, लखपत बुटोला, प्रकाश रावत, अमित रावत, मनीष नागपाल, मोहन काला, आयुष, मनमोहन शर्मा, मदन लाल, गुल मोहम्मद, सूरज छेत्री, मुकेश गैरोला, वीर सिंह, पीयूष जोशी, शकील मंसूरी आदि भी उपस्थित थे ।

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