UTTRAKHAND NEWS

Big breaking :-राज्य सरकार के सरकारी सेवकों के लिए लागू MACPS क़ो लेकर अब ये नया आदेश किया जारी

राज्य सरकार के सरकारी सेवकों के लिए लागू एम. ए. सी.पी..एस की देयता अवधि के सम्बन्ध में स्पष्टीकरण

क राज्य सरकार के सरकारी सेवकों के लिए संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन योजना (एम.ए.सी.पी.एस.) लागू किये जाने सम्बन्धी शासनादेश संख्या- 11/XXVII (7) /30 (14) /2017 दिनांक 17 फरवरी, 2017 सपठित शासनादेश संख्या-77088/XXVII(7)/E- 39427/2022 दिनांक जिसके द्वारा 17 नवम्बर, 2022 का सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें, एम.ए.सी.पी. की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु निम्नवत् व्यवस्था उपबन्धित की गयी है:-

“एम.ए.सी.पी. की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु वित्तीय स्तरोन्नयन की देय तिथि से पीछे की 05 वर्षों की वार्षिक प्रविष्टियां देखी जायेगी। यदि किसी वर्ष की वार्षिक प्रविष्टि ‘उत्तम’ से न्यून हो तो उस वर्ष को अर्हता हेतु गणना में सम्मिलित नहीं किया जायेगा। ऐसी दशा में एम.ए.सी.पी. की देयता की तिथि से अगले वित्तीय वर्ष / वर्षों में ‘उत्तम’ वार्षिक प्रविष्टि का मानक पूर्ण होने पर ही वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ देय होगा।”

2. शासन के संज्ञान में आया है कि सेवारत कार्मिकों के बाह्य सेवा अवधि, बाध्य प्रतीक्षा अवधि अथवा सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार स्वीकृत विभिन्न प्रकार के अवकाश (असाधारण / अवैतनिक अवकाशों को छोड़कर) पर रहने की स्थिति में अवकाश अवधि की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि की अनुपलब्धता की स्थिति में एम.ए.सी.पी. की देयता हेतु विगत 05 वर्षों की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के लिए निर्धारित न्यूनतम मानक ‘उत्तम’ के पूर्ण न होने से ऐसी अवधि का संज्ञान न लिये जाने के कारण सेवारत कार्मिकों को एम.ए.सी.पी. की अनुमन्यता से वंचित होना पड़ रहा है। साथ ही यह तथ्य भी संज्ञान में आया है कि किसी वर्ष के अन्तर्गत 03 माह से कम की अवधि हेतु वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि न दिये जाने की व्यवस्था / स्थिति में उस अवधि को भी एम.ए.सी.पी. की अनुमन्यता हेतु गणना में नहीं लिया जा रहा है।

3. उक्त के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि उपरोक्त वर्णित शासनादेशों में उपबन्धित व्यवस्था के आलोक में कार्मिकों के वित्तीय स्तरोन्नयन के प्रकरणों पर विचार करते समय निम्नवत् कार्यवाही की जाय:-

नियमित सरकारी सेवकों को प्रतिनियुक्ति / बाह्य सेवा पर बिताई गई अवधि में वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि प्राप्त होती है। अतः कार्मिक को बाह्य सेवा योजक से प्राप्त वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि के आधार पर वर्ष की गणना की जायेगी।

(ii) सक्षम प्राधिकारी द्वारा लम्बी अवधि के लिए नियमानुसार स्वीकृत अवकाश ( असाधारण / अवैतनिक अवकाशों को छोड़कर), बाध्य प्रतीक्षा अथवा प्रतिवेदक अधिकारी के द्वारा किसी वर्ष के दौरान 03 माह से कम अवधि के कार्यकाल के कारण किसी वर्ष / अवधि की वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि न लिखी गयी हों तो एम.ए.सी.पी. की देय तिथि से पूर्व के 05 वर्षों की वार्षिक प्रविष्टियों की गणना में निर्धारित 05 वर्ष के ठीक पूर्व की समान अवधि में प्राप्त वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि का संज्ञान लिया जायेगा। यदि उस अवधि में भी ‘उत्तम’ वार्षिक प्रविष्टि का मानक पूर्ण नहीं हो रहा हो तो एम.ए.सी.पी की देयता की तिथि को आगे विस्तारित किया जायेगा।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

To Top