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Big breaking :-प्रदेशभर में आयोजित होंगे ‘मिलेट्स मेले’, मोटे अनाजों को बढ़ावा देन है मेलों का उद्देश्य

 

 

*प्रदेशभर में आयोजित होंगे ‘मिलेट्स मेले’: डॉ0 धन सिंह रावत*

*मोटे अनाजों को बढ़ावा देन है मेलों का उद्देश्य*

*कहा, सुपर और स्मार्ट फूड है मिलेट्स, रोज करें सेवन*

*ऋषिकेश से होगी ईट राइट मिलेट मेले की शुरुआत*

देहरादून,

पोषक तत्वों से भरपूर मोटा अनाज सिर्फ गरीबों की थाली तक सीमित रह गया है। मोटे अनाजों के पौष्टिक गुणों को देखते हुये इसे आम लोगों की डाइट में शामिल करने के उद्देश्य से राज्य सरकार प्रदेशभर में मिलेट्स थीम पर ईट राइट मेलों का आयोजन करने जा रही है, जिसकी शुरूआत ऋषिकेश से की जायेगी। मिलेट्स मेलों के माध्यम से आम जनमानस को मोटे अनाजों और उनके पौष्टिक गुणों के प्रति जागरूक करना है ताकि लोग इस सुपर फूड को अपने भोजन की थाली में शामिल कर सके।

 

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने बताया कि शीघ्र ही प्रदेशभर में मिलेट्स मेलों का आयोजन किया जायेगा। जिसका मकसद आम जनमानस को मोटे अनाजों के प्रति जागरूक करना है साथ ही लोगों की डाइट में मिलेट को वापस लाना है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेशभर में मोटे अनाजों के प्रोत्साहन के लिये लगातार काम कर रही है। इसी क्रम में जनवरी माह में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन की ओर से ऋषिकेश में मिलेट थीम पर ईट राइट मेले का आयोजन किया जायेगा। जिसमें लोगों को मोटे अनाजों के प्रति जागरूक किया जायेगा।

 

 

इसके उपरांत फरवरी माह में श्रीनगर जबकि मार्च माह में अल्मोड़ा में ऐसे मेले आयोजित किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि मिलेट्स मेले में कम से कम 5 फूड स्टॉल पर मिलेट्स से बने व्यंजनों का प्रदर्शन किया जायेगा, मिलेट से बने व्यंजनों से जुड़े इंफोग्राफिक्स प्रदर्शित किये जायेंगे, मोटे अनाजों से बने स्वास्थ्यवर्धक आहारों की विधियां बताई जायेगी, मिलेट्स पर आयोजित पाक कला के तहत क्विज प्रतियोगिता आयोजित की जायेगी, स्लोगन व पोस्टर प्रतियोगिता के साथ ही नुक्कड़-नाटकों का आयोजन किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने बताया कि मोटे अनाजों के महत्व को देखते हुये भारत सरकार द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रस्ताव दिया था कि वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलैट्’ के तौर पर मनाया जाय, जिसके बाद यूएनजीए ने वर्ष 2023 को ‘इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलैट्’ के रूप में मनाने की घोषणा की।

 

 

उन्होंने कहा कि पहलेे सभी लोग खास कर उत्तराखंड के लोग मोटे अनाजों का सेवन करते थे लेकिन देखा देखी के कारण यहां के लोगों ने मोटे अनाजों को अपनी थाली से दूर कर दिया। डॉ0 रावत ने बताया कि बाजरा, ज्वार, रागी, चिन्ना, कोदो, समा, कंगनी आदि सुपर फूड हैं जो स्वास्थ्य के लिये बहुत फायदेमंद हैं, इनमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, कैल्शियम, आयरन, मैंजीन, मैग्नीशियम, फासफोरस, जिंक जैसे अनेकों पोषक तत्वों हैं साथ ही मिलेट्स एंटीऑक्सिडेंट, फ्लेवोनोइड्स, एंथोसायनिन, सैपोनिन और लिग्नन्स का पावरहाउस भी हैं। उन्होंने कहा कि पोषक तत्वों से भरपूर मोटे अनाजों की ओर लोग धीरे-धीरे लौट रहे और उन्हें अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं जो अच्छे संकेत हैं।

 

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