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Big breaking :-यहाँ आर्किटेक्ट पास करेंगे आवासीय नक्शे, मिलने जा रहा अधिकार

देहरादून। विकास प्राधिकरणों में सिंगल स्टोरी आवासीय भवनों के नक्शे पास करने की प्रक्रिया काफी आसान होने जा रही है। उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (उडा) इसके लिए सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था लागू करने जा रहा है। इसके तहत स्वीकृत लेआउट पर आवेदक और आर्किटेक्ट के संयुक्त हस्ताक्षर से जमा नक्शा प्राधिकरण सिर्फ दस्तावेज जांच के आधार पर स्वीकार करेंगे ।

उडा के संयुक्त मुख्य प्रशासक पीसी दुम्का ने आर्किटेक्ट एसोसिएशन के साथ प्रस्तावित प्रणाली पर विचार विमर्श किया। बैठक में दुम्का ने सेल्फ सर्टिफिकेशन प्रणाली की बारीकियों को साझा किया। उन्होंने बताया कि यह व्यवस्था स्वीकृत ले आउट और भूखंड पर बनने वाले एकल आवासीय भवनों के लिए ही लागू होगी। मैदान में अधिकतम नौ मीटर और पहाड़ में साढ़े सात मीटर की ऊंचाई वाले भवन ही इसके दायरे में आएंगे। बेसमेंट और स्टील्ट फ्लोर वाले भवन इसमें शामिल नहीं होंगे। साथ ही 2016 के बाद प्राधिकरण में शामिल क्षेत्रों में भी यह व्यवस्था लागू होगी। इस प्रणाली से स्वीकृत नक्शों पर चार महीने के अंदर निर्माण कार्य शुरू करना होगा, जबकि नक्शा मंजूर होने के तीन साल के भीतर निर्माण पूरा करना होगा। ऐसा न किए जाने पर नक्शे की वैद्यता समाप्त हो जाएगी।

सिर्फ दस्तावेज जाएंगे प्राधिकरण दुम्का ने बताया कि सेल्फ सर्टिफिकेशन के लिए प्राधिकरण में इम्पेनल्ड आर्किटेक्ट के साथ ही शासन स्तर से अधिकृत इंजीनियर और ड्राफ्ट्समैन ही अधिकृत होंगे। इस प्रक्रिया में आवेदक को नक्शे के साथ जमीन के रिकॉर्ड, स्ट्रक्चरल इंजीनियर का सर्टिफिकेट, आर्किटेक्ट और खुद की स्वघोषणा के साथ जमा करना होगा। आर्किटेक्ट के डिजिटल हस्ताक्षर से ऑनलाइन जमा नक्शे ही मंजूर किए जाएंगे। इस प्रणाली में नक्शा मंजूर करने की समय सीमा पांच दिन रखी गई है। इंजीनियर सिर्फ दस्तावेजों की जांच के आधार पर नक्शा मंजूर कर देंगे। यदि आवेदन में कोई कमी है तो प्राधिकरण तीन दिन के भीतर इसकी सूचना देंगे। यदि इस प्रक्रिया में नक्शा स्वीकृत ले आउट के विपरीत बनाया गया तो इसके लिए आर्किटेक्ट के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

नई प्रणाली का स्वागत उत्तराखंड इंजीनियर आर्किटेक्स एसोसिएशन ने नई प्रणाली का स्वागत किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डीएस राणा ने कहा कि यह मांग लंबे समय से की जा रही थी।सचिव सचिन अग्रवाल और गिरधारी अरोड़ा ने भी इसका स्वागत किया है।

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