भाजपा के बड़े नेता करते है औरंगजेब की पूजा पाठ, औरंगजेब के नाम की खाते है रोटी।
– प्रदेश में एक ओर जहां मंदिर- मस्जिद मजार और मदरसों पर सियासत जारी है तो वहीं अब महाराष्ट्र से शुरू हुआ औरंगजेब विवाद अब उत्तराखंड की राजनीति में भी दस्तक दे चुका है पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने औरंगजेब को लेकर भाजपा पर तीखा प्रहार किया तो सियासत और भी गरमा गई है
प्रदेश में धामी सरकार के द्वारा अवैध मदरसों पर ताबड़तोड कार्रवाई की गई और एक के बाद एक 150 से अधिक अवैध मदरसों को सील किया गया। जिसको लेकर प्रदेश में खूब सियासी दंगल देखने को मिला। एक ओर जहां विपक्ष ने सरकार पर जमकर वार किया तो सत्तापक्ष ने भी पलटवार करने में कोई कोताही नहीं बरती।
– धर्म पर सियासत शुरू हुई तो गढ़े मुर्दे भी बाहर आने लगे सत्तापक्ष ने विपक्ष को जुम्मे की नमाज की छुट्टी और मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मुद्दों पर घेरना शुरू कर दिया जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस में भीष्म पितामह की भूमिका में रहने वाले हरीश रावत ने अपने सनातनी होने पर भाजपा को बहस के लिए ललकार दिया। हरीश रावत ने कहा कि भाजपा वाले आए और डिबेट करे और कहे कि हरीश रावत हिन्दू नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 2 प्रकार के हिंदू हैं एक सनातनी और एक तनातनी उन्होंने कहा कि वह सनातनी हिंदू हैं और भाजपा वाले तनातनी हिन्दू है।
इतना ही नहीं हरीश रावत ने यह भी कहा कि भाजपा कभी औरंगजेब के नाम की रोटी खाती है तो कभी किसी के नाम की और यही नहीं बल्कि भाजपा वाले तो एकांत में औरंगजेब के फोटो लगा कर कहते होंगे कि तुम्हीं कल्याणदाता हो तुम्हारी वजह से ही सरकार में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कई घोर भाजपाई वालों के घरों में तो कही इनकी तस्वीरें न हो क्यूंकि इनका नाम लेकर ही मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बयान के बाद भाजपा विधायक ने भी हरीश रावत और कांग्रेस पर हमला बोला है। भाजपा विधायक विनोद चमोली ने कहा कि भाजपा को किसी औरंगजेब का नाम जपने की जरूरत नहीं है बल्कि जब तक राहुल गांधी और हरीश रावत बोलते रहेंगे तब तक भाजपा को फायदा होगा।
विनोद चमोली, भाजपा विधायक
– वहीं हरीश रावत के तस्वीर वाले बयान पर विनोद चमोली ने कहा कि हरीश रावत ने कितने भाजपाइयों के घरों को देखा है उन्हें यह स्पष्टीकरण देना चाहिए और यह तो जग जाहिर है जब उन्होंने यूनिवर्सिटी बनाने की बात कही थी तब खुद उनके पोस्टर वायरल हुए थे।
देश हो या फिर प्रदेश धार्मिक सियासी युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसे विडंबना ही कहेंगे कि आज सियासी दल असल मुद्दों से भटक कर धर्मों की राजनीति कर रही है और साबित करने में लगी है कौन कितना बड़ा सनातनी है। लेकिन धर्म को लेकर जो सियासत प्रदेश में छिड़ी है देखना होगा इसका क्या असर जनता पर पड़ता है।

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