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Big breaking :- शासन ने आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलसचिव को कारण बताओ नोटिस किया जारी

उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय, नैनीताल के आदेश दिनांक 15.12.2022 के समादर में शासन के कार्यालय ज्ञाप / नोटिस दिनांक 23.12.2022 के द्वारा उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में सम्बद्ध समस्त राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों को 24 घंटे के भीतर बिना किसी कार्यमुक्ति आदेश की प्रतीक्षा किये बिना उनकी मूल तैनाती स्थल कार्यभार ग्रहण करने हेतु निर्देशित किया गया था. किन्तु आप द्वारा अपने मूल तैनाती स्थान पर आतिथि तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया है. जिसकी पुष्टि निदेशक, आयुर्वेद के पत्र दिनांक 30.12.2022 द्वारा होती है।

2- आप भिज्ञ होंगे कि आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारियों का नियुक्ति प्राधिकारी शासन है तथा एक सरकारी कार्मिक होने के दृष्टिगत आपके द्वारा अपने नियुक्ति प्राधिकारी के आदेशों का अनुपालन किया जाना बाध्यकारी हैं। अपने नियुक्ति प्राधिकारी के आदेशों की अवहेलना करना कर्मचारी आचरण नियमावली के प्राविधानों का भी उल्लंघन है।

3- शासन के पत्र दिनांक 25.01.2022 के द्वारा आपकी सम्बद्धता समाप्त कर दी गयी थी. किन्तु आपके द्वारा शासन के आदेशों के क्रम में अपने मूल तैनाती स्थान पर आतिथि तक कार्यभार ग्रहण नहीं किया गया। उक्त आदेश के उपरान्त शासन के पत्र संख्या 271 दिनांक 27.01.2022 पत्र संख्या-587 दिनांक 31.03.2022 पत्र संख्या 668 दिनांक 12.04.2022 एवं पत्र संख्या- 2165 दिनांक 26.09.2022 के द्वारा बार-बार निर्देशित किये जाने के उपरान्त भी आपके द्वारा शासन के आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया।

4- अतः इस सम्बन्ध में आपको पुनः निर्देशित किया जाता है कि इस पत्र की प्राप्ति के 24 घंटे के भीतर अपने मूल तैनाती स्थान पर कार्यभार ग्रहण करते हुए 01 सप्ताह के अन्दर यह अवगत कराये कि शासकीय आदेशों की अवहेलना हेतु क्यों न आपके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही प्रारम्भ कर दी

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