चारधाम यात्रा में क्यों श्रृद्धालुओं की इतनी मौतें, हाई अल्टीट्यूड कैसे जानलेवा
चारधाम यात्रा इस साल 2 मई को शुरू हुई. इसमें पिछले 21 दिनों में 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु यात्रा कर चुके हैं, लेकिन 32 लोगों की मृत्यु भी हो चुकी है. पिछली बार भी इस यात्रा में 52 लोगों की मृत्यु हुई थी. इस यात्रा में भीड़ के चलते व्यवस्थाओं पर दबाव बढ़ा है और हेल्थ को लेकर जोखिम भी.
उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2 मई को शुरू हुई थी. इस चारधाम यात्रा का मतलब है यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा. इसके लिए रजिस्ट्रेशन कराना होता है. चूंकि ये यात्रा हाई अल्टीट्यूड पर ही ज्यादा होती है, लिहाजा हेल्थ का जोखिम भी ज्यादा होता है. 21 दिनों की यात्रा में 32 लोगों की मृत्यु हो चुकी है. सबसे ज्यादा मौतें केदारनाथ में हुई हैं.
इसकी वजह हाईअल्टीट्यूड भी है और अत्यधिक ठंड भी. केदारनाथ जैसे धाम समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर है, जहां ऑक्सीजन की कमी, ठंडा मौसम और कठिन ट्रैकिंग मार्ग स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण हैं. यही वजह है कि केदारनाथ में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज हुई हैं. पहाड़ों में मौसम कभी भी बदल सकता है, जिससे ठंड, बारिश या बर्फबारी के कारण स्वास्थ्य बिगड़ने की घटनाएं बढ़ जाती हैं.

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