जेल से साजिश का खुलासा: डराकर ली करोड़ों की संपत्ति, फर्जीवाड़ा कर बेची, वाल्मीकि गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार
हरिद्वार जनपद के गंगनहर थाने में गैंग सरगना प्रवीण व उसके भतीजे समेत छह सदस्यों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके बाद गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया।
उत्तराखंड एसटीएफ ने हरिद्वार में करोड़ों की संपत्ति हथियाने के मामले में बुधवार रात प्रवीण वाल्मीकि गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया। इनमें एक प्रवीण का भतीजा है। एसटीएफ ने खुलासा किया है कि सितारगंज जेल में बंद कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि जेल के बाहर अपने भतीजे और गुर्गों के जरिये खौफनाक आपराधिक साजिशों को अंजाम देता आ रहा है।
बुधवार दोपहर हरिद्वार जनपद के गंगनहर थाने में गैंग सरगना प्रवीण व उसके भतीजे समेत छह सदस्यों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया। जिसके बाद गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ के निर्देश पर एसटीएफ इनामी और वांछित अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चला रही है। इसी के तहत एसटीएफ को प्रवीण वाल्मीकि के खिलाफ कई शिकायतें मिलीं। प्रवीण इससे पहले कुख्यात सुनील राठी गैंग का सदस्य रह चुका है। उसके खिलाफ हत्या और रंगदारी जैसे कई गंभीर मामले हैं।
शिकायतों में बताया गया कि प्रवीण अपने गैंग के जरिये हरिद्वार में लोगों की जमीनों पर कब्जा कर रहा है। इस सूचना पर अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्न किशोर सिंह, पुलिस उपाधीक्षक आरबी चमोला के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। जांच में सामने आया कि प्रवीण ने साल 2018 में कृष्ण गोपाल नाम के व्यक्ति की हत्या कर दी थी। कृष्ण अपने भाई श्याम बिहारी की करोड़ों की संपत्ति की देखभाल कर रहे थे। हत्या के बाद प्रवीण ने श्याम बिहारी की पत्नी रेखा को धमकाकर संपत्ति हड़पने की कोशिश की लेकिन जब रेखा ने मना किया तो प्रवीण ने साल 2019 में उसके भाई सुभाष पर भी जानलेवा हमला करवाया।
घटनाओं से भयभीत होकर रेखा का परिवार अपना घर छोड़ कहीं और रहने लगा। इसका फायदा उठाकर प्रवीण और उसके साथियों ने रेखा व कृष्ण गोपाल की पत्नियों के नाम से फर्जी पावर ऑफ अटॉर्नी बनवाई और करोड़ों की संपत्ति बेच दी। इस काम में प्रवीण का भतीजा मनीष उर्फ बाॅलर और उसका साथी पंकज अष्टवाल शामिल थे। इस आधार पर हरिद्वार के गंगनहर थाना क्षेत्र से मनीष उर्फ बाॅलर (40) और पंकज अष्टवाल (30) को गिरफ्तार कर लिया। अन्य फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
जांच में एक और खुलासा
एसटीएफ की जांच में एक और मामला सामने आया। साल 2022 में प्रवीण हरिद्वार जेल में बंद था। उसी दौरान उसकी मुलाकात संदीप कुमार एरोन नाम के शख्स से हुई। एरोन की कनखल क्षेत्र में साढ़े तीन करोड़ रुपये की संपत्ति थी। प्रवीण ने अपने भतीजे मनीष और संजय चांदना को जेल में बताया कि उन्हें एरोन की संपत्ति पर कब्जा करना है और इसके लिए सिर्फ 50-60 लाख रुपये देने होंगे। जेल से छूटने के बाद जनवरी 2023 में मनीष और संजय ने बिना कोई पैसा दिए उस संपत्ति का एग्रीमेंट अपने नाम करवा लिया हालांकि एक अन्य बदमाश आशीष शर्मा ने इस बात की जानकारी कुख्यात बदमाश सुनील राठी को दी जिसके बाद राठी ने प्रवीण को धमकाकर वह एग्रीमेंट रद्द करवा दिया।

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