राज्य में वनाग्नि नियंत्रण हेतु चीड़ पीरूल एकत्रीकरण कार्यों से स्थानीय जनता को सीधे जोडने के सम्बन्ध में।
उपरोक्त विषयक शासनादेश संख्या-981/x-2-2023-21(19)2015 दिनांक 16.05.2023 द्वारा चीड़ के पिरूल से घटित होने वाली वनाग्नि के रोकथाम हेतु पिरूल एकत्रित करने के लिए क्षेत्रवासियों को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से किसी व्यक्ति विशेष द्वारा मान्यता प्राप्त संस्था यथा वन पंचायत, स्वयं सहायता समूह एवं युवक मंगल दल आदि के माध्यम से चन क्षेत्र में पिरूल को एकत्रित कर स्थाई रूप से निष्कासन करने पर वन विभाग द्वारा उस व्यक्ति को संस्था के माध्यम से राज्य सैक्टर की संगत योजना अथवा कैम्पा के अन्तर्गत उपलब्ध धनराशि से रू० 3. 00 प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी है।
2. राज्य में वनाग्नि नियंत्रण हेतु चीड़ पिरूल एकत्रीकरण कार्यों से स्थानीय जनता को सीधे जोडने तथा अजीविका में वृद्धि किये जाने के दृष्टिगत शासन द्वारा सम्यक् विचारोपरांत लिये गये निर्णय के क्रम में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि इस संबंध में पूर्व निर्गत शासनादेश दिनांक 16.05.2023 में संशोधन करते हुए चीड़ पीरूल एकत्रीकरण हेतु रू० 3.00 प्रति किलोग्राम के स्थान पर रू0 10.00 (दस रूपये मात्र) प्रति किलोग्राम की दर से भुगतान किए जाने की श्री राज्यपाल इस शर्त के अधीन स्वीकृति प्रदान करते हैं कि वन क्षेत्रान्तर्गत चीड पीरूल की क्रय की सीमा रू० 50.00 करोड निर्धारित रहेगी।
3. उक्त शासनादेश दिनांक 16.05.2023 को इस सीमा तक संशोधित समझा जाय।
4. यह आदेश वित्त विभाग के अशासकीय संख्या-1/276657/2025, दिनांक 18 फरवरी, 2025 में प्राप्त वित्त विभाग की सहमति से निर्गत किये जा रहे हैं।
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