टाईगर ट्रान्सलोकेशन कार्यक्रम के तहत कार्बेट टाईगर रिजर्व से लाये गये बाघ को 05.05.2025/ अपरान्ह राजाजी टाईगर रिजर्व की मोतीचूर राजि में उसके प्राकृतिक वासस्थल में छोड़ दिया गया।
बाघ के ट्रान्सलोकेशन कार्यक्रम में मा० मंत्री जी, वन, उत्तराखण्ड सरकार की उपस्थिति रही। इस अवसर पर मा० मंत्री जी द्वारा टाईगर रिजर्व में बाघों को छोड़ने के प्रमुख फायदे यथा- पारिस्थितिकीय सन्तुलन, जैव-विविधता को बढावा देना, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था की मजबूती, वन संरक्षण एवं वैज्ञानिक अनुसन्धान जैसे बिन्दु समेकित तौर पर साझा किये गये।
अपने मांसाहारी श्रेणी के कारण बाघ वनों के पारिस्थितिकीय सन्तुलन को बनाये रखने में मददगार हैं। वर्तमान परिवेश में यह संकटग्रस्त प्रजाति है। जनसंख्या के घनत्व ने बाघ के प्राकृतिक वासस्थल को प्रभावित किया है। मा० मंत्री जी द्वारा आशा व्यक्त की गई कि यह प्रयास टाईगर रिजर्व के पश्चिमी भाग में बाघों की संख्या की वृद्धि एवं पारिस्थितिकीय सन्तुलन में सहायक होंगे।
इस सफल अभियान के लिए मा० मंत्री जी द्वारा टाईगर रिजर्ब्स द्वय व समस्त वन कर्मियों के प्रयासों की सराहना की गई।
इस अवसर पर श्री रंजन मिश्र, प्रमुख वन संरक्षक (वन्यजीव) / मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक, श्री कोको रोसे व श्री साकेत बडोला, निदेशकगण, राजाजी टाइगर रिजर्व व कार्बेट टाईगर रिजर्व, श्री वैभवकुमार सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी, हरिद्वार के साथ श्री राजीव तलवार, अवैतनिक वन्य जीव प्रतिपालक तथा डब्ल्यू०डब्ल्यू०एफ० के श्री आई०पी० बोपन्ना एवं विभागीय वन कर्मी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे

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