धराली में आई बाढ़ को प्रकृति का बुलडोजर बता उड़ाया था मजाक, अब पुलिस ने लिया एक्शन
चार आरोपियों में से एक ने उस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था, ‘मस्जिदों, मजारों और मदरसों को तोड़ना बंद करो।’ एक अन्य ने लिखा था, ‘यह वही जगह है जहां मुसलमानों के घर तोड़े जाते हैं।’ जिसके बाद उन पर मामला दर्ज कर लिया गया
उत्तराखंड पुलिस ने धराली में आई प्राकृतिक आपदा को लेकर सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करते हुए दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के मामले में चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस सब इंस्पेक्टर विक्की टम्टा ने शनिवार को बताया कि इस घटना के सिलसिले में शुक्रवार को कोतवाली पुलिस स्टेशन में चार FIR दर्ज की गई हैं।
उन विवादास्पद और आपत्तिजनक पोस्ट के बारे में जानकारी देते हुए टम्टा ने बताया कि चार आरोपियों में से एक आरोपी ने धराली में आई बाढ़ से पहले और बाद की दो तस्वीरें अपने फेसबुक अकाउंट पर शेयर करते हुए इसे प्रकृति का बुलडोजर बताया था। उसने उन तस्वीरों के साथ लिखा था, ‘धराली गांव में आपदा… प्रकृति का बुलडोजर’
इसके बाद अन्य आरोपियों के कृत्यों की जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि इन लोगों ने पहले आरोपी की पोस्ट के जवाब में भड़काऊ टिप्पणियां (कमेंट्स) करते हुए धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का काम किया।
इनमें से एक ने उस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था, ‘मस्जिदों, मजारों और मदरसों को तोड़ना बंद करो।’ एक अन्य ने लिखा था, ‘यह वही जगह है जहां मुसलमानों के घर तोड़े जाते हैं।’ टम्टा ने कहा कि चारों आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिशें जारी हैं।
इस विषय को लेकर लोगों को सचेत करते हुए देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कहा कि धराली में हुई आपदा के बारे में लोगों को गुमराह करने के लिए बिना सत्यापन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी खबरें अपलोड करने या इससे जुड़ा कंटेंट शेयर करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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