*मनपसंद विषयों का चयन कर सकेंगे छात्र-छात्राएंः डॉ. धन सिंह रावत*
*राज्य स्तरीय टॉस्क फोर्स की बैठक में लिये गये कई निर्णय*
*एनईपी-2020 के तहत लागू पाठ्यक्रम को लेकर विभागीय अधिकारियों ने दिया प्रस्तुतिकरण*
देहरादून, 09 सितम्बर 2025
नई शिक्षा नीति-2020 के तहत प्रदेश के छात्र-छात्राओं के पास अपनी मनपसंद के विषय चयन करने का विकल्प रहेगा, इसके साथ ही उन्हें मल्टीपल एन्ट्री व एक्जिट का भी अवसर मिलेगा। छात्र-छात्राओं को कौशल संवर्द्धन, भारतीय ज्ञान परम्परा, ओपन डिस्टेंस लर्निंग, एकेडेमिया-इंडस्ट्री सहयोग के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीयकरण एवं अंतर्राष्ट्रीय संस्थानिक सहयोग का भी लाभ मिलेगा। इसके लिये सभी प्रकार की शिक्षा से जुड़े विभागों को नेशनन क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत पाठ्यक्रम तैयार करना होगा।
सूबे के विद्यालयी एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थित सभागार में नई शिक्षा नीति-2020 के तहत गठित टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें नई शिक्षा नीति-2020 के तहत कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किये गये। डॉ. रावत ने कहा कि एनईपी-2020 के तहत प्रदेशभर के शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राओं को अपनी पसंद के विषयों को पढ़ने की छूट रहेगी। इसके साथ ही उन्हें मल्टीपल एंट्री व एक्जिट का भी अवसर उपलब्ध रहेंगे। उन्होंने सभी सभी प्रकार की शिक्षा से जुड़े शिक्षण संस्थानों के अधिकारियों को नेशनन क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत पाठ्यक्रम तैयार कर लागू करने को कहा। डॉ. रावत ने कहा कि विशेषकर मौजूदा आवश्यकताओं के मध्यनजर छात्र-छात्राओं को तकनीकी ज्ञान संबंधी पाठ्यक्रम ईवी तकनीकी, आईओटी, एसआई, डाटा एनालिसिस, इमर्जिंग टेक व एण्टरप्रेन्यूरशिप एण्ड न्यू वेन्चर क्रिएशन आदि को शामिल करना होगा। वहीं दूसरी ओर भारतीय ज्ञान परम्परा पर आधारित ज्योतिष विज्ञान, आयुष विज्ञान, योग विज्ञान, वास्तु विज्ञान, कृषि, वानिकी एवं औद्यानिकी को भी पाठ्यक्रम में शामिल करना होगा।
बैठक में नोडल विभाग उच्च शिक्षा ने एनईपी-2020 को लेकर नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क एवं पाठ्यक्रम सुधार, बहुविषयक विकल्प, कौशल संवर्धन, डिजिटल इनिशिएटिव, ग्रेडेड ऑटोनॉमी, मल्टीपल ऑटोनॉमी, मल्टीपल एन्ट्री-एक्जिट, अकादमिक शोध, गुणवत्ता एवं प्रशिक्षण, भारतीय ज्ञान व्यवस्था, एकेडेमिया-इंडस्ट्री सहयोग, ओपन डिस्टेन्स लर्निंग, अंतर्राष्ट्रीयकीकरण एं अंतर्राष्ट्रीय सांस्थानिक सहायोग आदि विषयों पर पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतिकरण दिया। इसके साथ ही विद्यालयी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं कृषि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने अपने-अपने विभागों के अंतर्गत आने वाले शिक्षण संस्थानों में लागू किये जा रहे पाठ्यक्रम का प्रस्तुतिकरण दिया।
बैठक में मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन, सचिव उच्च एवं तकनीकी शिक्षा डॉ. रणजीत सिन्हा, सचिव वित्त वी. षणमुगम, सचिव कृषि एवं कृषि शिक्षा एस.एन.पाण्डेय, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक गैरोला, कुलपति कुमाऊं विश्वविद्यालय प्रो. डी.एस.रावत, कुलपति श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय प्रो. एन.के. जोशी, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, कुलपति भरसार विश्वविद्यालय प्रो. परविंदर कौशल, कुलपति संस्कृत विश्वविद्यालय प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री, कुलपति सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय प्रो. एस.पी.एस बिष्ट, कुलपति उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय प्रो. नवीन चन्द्र लोहनी, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा दीप्ति सिंह, निदेशक तकनीकी शिक्षा, संस्कृत शिक्षा, एससीईआरटी, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा, पंतनगर विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि सहित विभिन्न संस्थानों के सदस्य उपस्थित रहे।

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