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Big breaking :-UKSSSC वन दरोगा ऑन लाइन भर्ती प्रकरण में एसटीएफ ने एक और गिरप्तारी की

 

स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने यूकेएसएसएससी भर्ती परीक्षाओं की धांधली में शामिल 56वीं गिरप्तारी के बाद अब यूकेएसएसएससी वन दरोगा ऑन लाइन भर्ती प्रकरण में एसटीएफ ने एक और गिरप्तारी की है।

 

 

वन दरोगा आन लाइन भर्ती प्रकरण में हरिद्वार स्थित परीक्षा केन्द्र के संचालक को गिरफ्तार किया गया है। इस पर आरोप है कि ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में धांधली कराने की नियत से कॉलेज की पूरी लैब को ही किराये पर ले लिया था।

 

 

यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा बताया गया यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021, सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा, वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा 2016 में हुई धांधली को लेकर दर्ज अलग अलग 04 मुकदमों की विवेचना एस. टी. एफ. द्वारा की जा रही है। उपरोक्त सभी मुकदमों में एसटीएफ गहनता से हरबिन्दु पर विवेचना कर रही है और ये प्रयास कर रही है कि इन भर्ती प्रकरणों में संलिप्त सभी दोषियों को हर हाल में गिरप्तार कर उनके विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। इसी क्रम में वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती परीक्षा को लेकर दर्ज मुकदमें की विवेचना में आज एसटीएफ द्वारा परीक्षा केंद्र स्वामी दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी हरिद्वार के परीक्षा केन्द्र संचालक प्रवीण कुमार राणा पुत्र जगबीर सिंह निवासी देव नगर थाना सोनीपत जिला सोनीपत हरियाणा की गिरफ्तारी

की गयी है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ आयुष अग्रवाल द्वारा आगे जानकारी देते हुये बताया कि यूकेएसएसएससी आयोग द्वारा वन विभाग में वन दरोगा के 316 पदों के लिये एनएसईआईटी कंपनी के माध्यम से ऑनलाइन वन दरोगा भर्ती परीक्षा 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों में स्थित 31 परीक्षा केंद्रों में सम्पन्न कराई गई थी। उक्त परीक्षा में उत्तराखण्ड के करीब 85 हजार अभ्यर्थियों द्वारा अपना आवेदन किया गया तथा इस परीक्षा के उपरान्त 620 अभ्यर्थियों को प्रारम्भिक तौर पर चयनियत किया, जिनका फिजीकल होने के उपरान्त रिजल्ट घोषित किया जाना था, परन्तु आयोग द्वारा कुछ अभ्यर्थियों के रिजल्ट में संदेह पाये जाने पर इसकी जांच एसटीएफ को सुपुर्द करायी गयी थी जांच में प्रारम्भिक तौर पर गड़बड़ी पाये जाने पर एसटीएफ द्वारा इस परीक्षा के सम्बन्ध में साईबर थाना देहरादून पर अभियोग पंजीकृत कराया गया। जिसकी विवेचना एसटीएफ द्वारा स्वंय की जा रही है, अभी तक इस परीक्षा में 04 अभियुक्तों प्रशांत, रविन्द्र, अश्वनी कुमार और सचिन कम्पयूटर लैब टेक्नीशियन की गिरप्तारी की गयी थी। अब आगे की जांच में हरिद्वार स्थित स्वामी दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी कॉलेज के परीक्षा केन्द्र के संचालक प्रवीण कुमार राणा पुत्र जगबीर सिंह की स्पष्ट भूमिका पाये जाने पर उसकी गिरप्तारी की गयी है। इस प्रकार वन दरोगा परीक्षा में पांचवे अभियुक्त की गिरप्तारी हुयी है। पूछताछ में प्रवीण कुमार राणा ने बताया कि वह सोनीपत में प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करता है। 2020 में उसकी मुलाकात निशान्त चौधरी निवासी रमाला, बागपत से हुई थी। उसने और निशांत चौधरी ने स्वामी दर्शनानंद इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी को 50 रूपये प्रति कंप्यूटर हिसाब से केवल परीक्षा के लिए 11 महीने की लिए किराए

पर लिया गया। उसके बाद ऑनलाइन भर्ती परीक्षा के लिए एससीईआईटी कंपनी से संपर्क किया व उक्त परीक्षा कंपनी से एग्रीमेंट किया गया। इस इंस्टिट्यूट में 150 अभ्यर्थियों ने 16 जुलाई 2021 से 25 जुलाई 2021 तक विभिन्न चरणों में ऑनलाइन परीक्षा दी गयी। जहां पर लैब टेक्नीशियन सचिन की मदद से कई अभ्यर्थियों को नकल करायी गयी। इस काम के लिये दोनों व्यक्तियों ने प्रत्येक अभ्यर्थी से 08 से 10 लाख रूपये प्राप्त किये गये। जिन अभ्यर्थियों ने इस परीक्षा केंद्र में नकल की गई है, उनमें से कई अभ्यर्थियों को एसटीएफ द्वारा चिन्हित कर लिया गया है। यह भी प्रकाश आया कि उक्त परीक्षा को संपन्न कराने के लिए

एससीईआईटी कंपनी द्वारा अभियुक्तों को 1,71,845 पेमेंट किया गया परंतु अभियुक्तों द्वारा एसडीआईएमटी कॉलेज को कोई भुगतान नहीं किया गया और फरार हो गये । अभियुक्त प्रवीण कुमार के आपराधिक इतिहास के संबंध में जानकारी की जा रही है।

गौरतलब है कि उत्तराखण्ड एसटीएफ द्वारा 04 अभियोगों की विवेचना में यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित कराई गई स्नातक स्तरीय परीक्षा 2021 परीक्षा की धांधली में अब तक 44, वन दरोगा की परीक्षा में 05, सचिवालय रक्षक परीक्षा में 01 एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी चयन परीक्षा वर्ष 2016 में 06 कुल 56 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है। जिनकी विवेचना अभी भी जारी है और निकट भविष्यमें अन्य अभियुक्तों की भी गिरप्तारी संभव है।

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