फायर सीजन में पीसीसीएफ-एपीसीसीएफ रैंक के अफसर मोर्चा संभालेंगे, तैनात होगी 10 हजार की फौज
वनाग्नि की चुनौती से निपटने के लिए शासन और विभागीय स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। मुख्यालय में तैनात अफसरों को जिलों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। साथ ही वनाग्नि से निपटने के लिए 10 हजार की फौज तैनात होगी
उत्तराखंड में 15 फरवरी से शुरू हो रहे फायर सीजन के दौरान मुख्यालय में बैठने वाले प्रमुख वन संरक्षक पीसीसीएफ व एपीसीसीएफ रैंक के सभी बड़े अफसर फील्ड में मोर्चा संभालेंगे। इन सभी अफसरों को जिलावार जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु के मुताबिक, वनाग्नि की चुनौती से निपटने के लिए शासन और विभागीय स्तर पर कार्ययोजना तैयार कर ली गई है।
वन मुख्यालय में बैठने वाले सभी आलाधिकारियों को समन्वय और निगरानी के कार्य में लगाया जाएगा। पीसीसीएफ और एपीसीसीएफ स्तर के अधिकारी आवंटित किए गए जिलों में यथासंभव कैंप करेंगे। उन्हें फायर सीजन शुरू होने से पहले वनाग्नि की मॉक ड्रिल के लिए भी भेजा जाएगा
वनाग्नि नियंत्रण व प्रबंधन के लिए केंद्र को भेजा है प्रोजेक्ट
प्रमुख सचिव ने कहा कि उत्तराखंड में वनाग्नि नियंत्रण एवं प्रबंधन के लिए केंद्र सरकार को एक प्रोजेक्ट भेजा गया है। करीब 500 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र से लगातार अनुरोध किया गया है। हमें पूरी आशा है कि जल्द परियोजना की मंजूरी मिल जाएगी। इस परियोजना के तहत वनाग्नि से चुनौती से निपटने के लिए अत्याधुनिक उपकरण, मानव संसाधन, अवस्थापना के अलावा प्रशिक्षण की व्यवस्था है।
वनाग्नि से निपटेगी 10 हजार की फौज
उन्होंने कहा कि जन सहयोग और जनभागीदारी के जरिये वनाग्नि की चुनौती से निपटा जाएगा। फायर सीजन के दौरान फायर वाचर्स और स्वयंसेवकों समेत करीब 10 हजार लोगों की फौज लगाई जाएगी।
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