UTTARAKHAND NEWS

Big breaking :-खरीद लिए पहाड़ के पहाड़, उपयोग नहीं हुआ…अब निवेश के नाम उतनी ही भूमि मिलेगी, जितनी जरूरी होगी

NewsHeight-App

खरीद लिए पहाड़ के पहाड़, उपयोग नहीं हुआ…अब निवेश के नाम उतनी ही भूमि मिलेगी, जितनी जरूरी होगी

2018 में त्रिवेंद्र सरकार ने औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम व्यवस्था 1950) में बदलाव किया था। तत्कालीन सरकार का तर्क था कि तराई क्षेत्रों में औद्योगिक प्रतिष्ठान, पर्यटन गतिविधियों, चिकित्सा तथा चिकित्सा शिक्षा के विकास के लिए निर्धारित सीमा से अधिक भूमि की मांग है।

प्रदेश में निवेश के नाम पर उतनी ही भूमि खरीदने की अनुमति होगी, जितनी जरूरी होगी। नया कानून लागू होने के बाद खरीदी गई भूमि का तय सीमा के अनुरूप उपयोग नहीं होगा तो यह सरकार में निहित हो जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट में मंजूर भूमि संबंधी विधेयक में यह प्रावधान किया गया है। माना जा रहा है कि साढ़े 12 एकड़ से अधिक भूमि की सीमा हटाए जाने के प्रावधान को रद्द होने के बाद भूमि की अंधाधुंध खरीद पर भी अंकुश लग सकेगा।

बता दें कि 2018 में त्रिवेंद्र सरकार ने औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम व्यवस्था 1950) में बदलाव किया था। तत्कालीन सरकार का तर्क था कि तराई क्षेत्रों में औद्योगिक प्रतिष्ठान, पर्यटन गतिविधियों, चिकित्सा तथा चिकित्सा शिक्षा के विकास के लिए निर्धारित सीमा से अधिक भूमि की मांग है। इस कारण कई प्रस्ताव लंबित हैं। इसके लिए उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम व्यवस्था 1950) में परिवर्तन किया गया था। उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन और भूमि व्यवस्था अधिनियम 1950 (अनुकलन एवं उपरांतरण आदेश 2001) (संशोधन) अध्यादेश 2018 को मंजूरी दी थी। अधिनियम की धारा 154 (4) (3) (क) में बदलाव किया गया, जिससे कृषि और बागवानी की भूमि को उद्योग स्थापित करने के लिए खरीदने की छूट मिल गई।

होटल, रिजॉर्ट, उद्यान खेती के नाम पर बाहर से आए लोगों ने पहाड़ में जितनी भूमि खरीदी, उसका कम हिस्सा उपयोग में लाए और बाकी के मालिक बन बैठे। इसे लेकर स्थानीय लोगों में खासी नाराजगी है और वे सशक्त भू-कानून बनाने की मांग कर रहे हैं ताकि राज्य में खेती की जमीन को बचाया जा सके। जनसांख्यिकीय बदलाव और जन दबाव के चलते धामी सरकार ने भू-कानून के ढीले प्रावधानों को खत्म करने का संकल्प लिया।
सुभाष कुमार की अध्यक्षता में कमेटी बनाई
सीएम धामी ने पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में भू कानून को लेकर एक कमेटी बनाई। कमेटी ने राज्य सरकार को अपनी सिफारिशें सौंपी। इसमें एक महत्वपूर्ण सिफारिश पर्वतीय क्षेत्रों में भूमि की अंधाधुंध खरीद पर रोक लगाने के लिए साढ़े 12 एकड़ भूमि खरीद की सीलिंग हटाए जाने के फैसले को रद्द करने की सिफारिश की। पर्वतीय क्षेत्रों में राज्य से बाहर के लोगों द्वारा कृषि एवं बागवनी की भूमि को उद्योग स्थापित करने के लिए खरीदने की छूट को भी नियंत्रित करने की सलाह दी।

250 वर्ग मीटर भूमि खरीद का दुरुपयोग रोकने की सिफारिश
समिति की सिफारिश पर ही राज्य सरकार ने 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद के प्रावधान के दुरुपयोग की जांच कराई, जिसमें सैकड़ों मामले कानून के उल्लंघन के सामने आए। इसी को देखते हुए सरकार ने 250 वर्ग मीटर भूमि खरीद की प्रक्रिया को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के लिए इसमें शपथपत्र की व्यवस्था को अनिवार्य बनाने का निर्णय लिया है।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

न्यूज़ हाइट (News Height) उत्तराखण्ड का तेज़ी से उभरता न्यूज़ पोर्टल है। यदि आप अपना कोई लेख या कविता हमरे साथ साझा करना चाहते हैं तो आप हमें हमारे WhatsApp ग्रुप पर या Email के माध्यम से भेजकर साझा कर सकते हैं!

Click to join our WhatsApp Group

Email: [email protected]

Author

Author: Swati Panwar
Website: newsheight.com
Email: [email protected]
Call: +91 9837825765

To Top