प्रसाद से 500 से अधिक महिलाओं को मिल रहा रोजगार, 148 महिला स्वयं सहायता समूह जुटे
केदारनाथ यात्रा के लिए अगस्त्यमुनि, जखोली और ऊखीमठ ब्लॉक के 148 महिला स्वयं सहायता समूहों की 500 से अधिक महिलाएं केदारनाथ यात्रा से सीधे जुड़कर अपनी आजीविका मजबूत कर रही हैं।
प्रसाद से जिले की 500 से अधिक महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। जिले में तीनों ब्लॉक में करीब 148 महिला स्वयं सहायता समूह प्रसाद बनाने का काम कर रही हैं। इन समूहों की ओर से चौलाई के लड्डू बनाने के लिए स्थानीय काश्तकारों से ही चौलाई की खरीद की गई है। इसके साथ ही धूपबत्ती समेत अन्य पहाड़ी उत्पाद तैयार कर स्टाल लगाकर इन्हें बेच रही हैं।
मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा के लिए अगस्त्यमुनि, जखोली और ऊखीमठ ब्लॉक के 148 महिला स्वयं सहायता समूहों की 500 से अधिक महिलाएं केदारनाथ यात्रा से सीधे जुड़कर अपनी आजीविका मजबूत कर रही हैं। अगस्त्यमुनि ब्लॉक के 38 महिला समूहों की 90 से अधिक महिलाएं जहां केदारनाथ मंदिर के प्रतीक और अन्य सजावटी सामग्री तैयार करने के साथ ही चौलाई के प्रसाद की पैकिंग कर रही हैं। वहीं, कुछ समूह रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर जलपान गृह भी संचालित कर रहे हैं।
10 समूहों की महिलाएं धूपबत्ती बना रही
इधर, ऊखीमठ ब्लॉक के 60 स्वयं सहायता महिला समूहों में 48 समूह सीधे तौर पर केदारनाथ प्रसाद तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा टेंट संचालन, होम स्टे के काम से भी जुड़ी हैं। जखोली ब्लॉक के 50 से अधिक महिला समूह केदारनाथ यात्रा में कारोबार कर रहे हैं। इन समूहों में 30 समूह जहां चौलाई के लड्डू बना रहे हैं वहीं 10 समूहों की महिलाएं धूपबत्ती बना रही हैं।
जबकि शेष 10 समूह अन्य पहाड़ी उत्पाद बेच रही हैं। मुख्य विकास अधिकारी डाॅ. जीएस खाती ने बताया कि केदारनाथ यात्रा से जनपद की महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। वर्तमान में 500 से अधिक महिलाएं विभिन्न महिला समूहों से जुड़कर अलग-अलग कार्य कर अच्छी आमदनी कर रही हैं।
दुकानों, स्टाल पर बिक रहा बदरी गाय का घी
जनपद के महिला समूहों की ओर से यात्रा मार्ग पर संचालित दुकानों, स्टाल पर बदरी गाय का घी भी बेचा जा रहा है। 1200 रुपये प्रतिकिलो की दर से घी की बिक्री की जा रही है। केदारनाथ यात्रा पर आने वाले कई श्रद्धालु घी खरीद चुके हैं।
चारधाम यात्रा महिला समूहों की आर्थिकी का आधार बन रही है। सरकार इसके लिए महिला समूहों को यात्रा मार्ग पर स्टाल उपलब्ध कराने से लेकर हर तरह की सहायता दे रही है। महिलाएं स्थानीय उत्पादों की बिक्री कर वोकल फॉर लोकल के नारे को भी चरितार्थ कर रही हैं। सभी तीर्थयात्रियों से अपील है कि वे स्थानीय समूहों के गुणवत्तापरक उत्पादों को खरीदें। – पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री।

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