आरक्षित क्षेत्र की नदियों में खनिज निकासी की अवधि बढ़ी, अब 19 जून तक हो सकेगा खनन
राज्य में वन निगम गौला, कोसी, शारदा, दाबका, नंधौर जैसी नदियों में खनन कराता है। यहां पर खनन सत्र 31 मई तक चलता है। इससे वन निगम को अच्छा खास राजस्व मिलता है।
प्रदेश की नदियों में खनन कराने की अवधि बढ़ा दी गई है। अब राज्य में हरिद्वार को छोड़कर वन निगम के तहत जिन नदियों (आरक्षित क्षेत्र) में खनन होता है, वहां पर 19 जून तक खनन हो सकेगा। इससे एक तरफ लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही राजस्व की प्राप्ति भी होगी
राज्य में वन निगम गौला, कोसी, शारदा, दाबका, नंधौर जैसी नदियों में खनन कराता है। यहां पर खनन सत्र 31 मई तक चलता है। इससे वन निगम को अच्छा खास राजस्व मिलता है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग ने पिछले साल प्रमुख सचिव वन को पत्र भेजा था, इसमें खनन सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की गई थी। इसके बाद शासन ने पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को पत्र भेजकर खनन सत्र अवधि को जून तक विस्तारित करने का अनुरोध किया था।
मंत्रालय ने अगस्त-2024 को एक पत्र जारी किया था, इसमें मानसून के दौरान खनन न करने का निर्देश दिया गया। साथ ही कहा गया कि राज्य में मानसून के आकलन करने के लिए मौसम विज्ञान केंद्र से जानकारी प्राप्त करेंगे। इसी क्रम में शासन में एक बैठक आयोजित की गई।
इसमें प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, वन निगम के प्रबंध निदेशक जीएस पांडे व मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून के अधिकारी शामिल हुए। प्रबंध निदेशक जीएस पांडे ने बताया कि मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्य में 20 जून से मानसून आने की बात कही है। ऐसे में राज्य में हरिद्वार की नदियों को छोड़कर वन निगम के अधीन आने वाली नदियों में 19 जून तक खनन हो सकेगा।

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