मा० उच्च न्यायालय में याजित याचिका संख्या 2269/2022, शंकर सिंह बोरा व अन्य बनाम उत्तराखण्ड राज्य के साथ सम्बद्ध अन्य 08 रिट याचिकाओं में मा० न्यायालय द्वारा पारित निर्णय दिनांक 04.01.2024 के सम्बन्ध में।
महोदय,
उपरोक्त विषयक मा० उच्च न्यायालय में योजित याचिका संख्या 2269/2022, शंकर सिंह बोरा व अन्य बनाम उत्तराखण्ड राज्य के साथ सम्बद्ध अन्य 8 रिट याचिकाओं में मा० उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 04.01.2024 को निर्णय पारित किया गया है, जिसका क्रियात्मक अंश निम्नवत है:-
11. In the present case, the statutory Rules provide for additional increment to Government servants at the time of their promotion or grant of selection grade/promotion pay scale, therefore, grant of such increment to petitioners cannot be termed as irregular. The recovery, ordered by the competent authority from the salary of petitioners, only on the ground that Government Order dated 06.09.2019 is silent about such increment, is therefore, unsustainable.
12. In such view of the matter, the order of recovery passed against petitioners is liable to be quashed and is hereby quashed. The writ petitions are allowed.
2-उक्त के क्रम में अवगत कराना है कि शासनादेश संख्याः 282904/XXIV-B-1/2025/25(01)/2024, दिनांक 17 मार्च, 2025 द्वारा मा० उच्च न्यायालय द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय दिनांक 04.01.2024 के क्रम में चयन/ प्रोन्नत वेतनमान अनुमन्य होने के समय प्रदान की गई अतिरिक्त वेतनवृद्धि के रूप में भुगतान की गई धनराशि की वसूली को अग्रिम आदेशों तक स्थगित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
2-मा० उच्च न्यायालय द्वारा पारित उक्त सन्दर्भित निर्णय दिनांक 04.01.2024 के दृष्टिगत शासनादेश संख्याः 282904/XXIV-13-1/2025/25(01)/2024, दिनांक 17 मार्च, 2025 तत्काल प्रभाव से अतिक्रमित करते हुए मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि शासनादेश
दिनांक 6-9-2019 तथा तत्क्रम में निर्गत शासनादेश दिनांक 13-9-2019 के क्रम में चयन/प्रोन्नत वेतनमान अनुमन्य होने के समय प्रदत्त अतिरिक्त वेतनवृद्धि के रूप में भुगतान की गई धनराशि की वसूली के सम्बन्ध में विभाग द्वारा निर्गत समस्त आदेश निरस्त समझे जाएंगे एवं ऐसे आदेशों के आधार पर पूर्व में की गई समस्त कार्यवाहीयां भी एतद्वारा निरस्त समझी जाएगी।
3-उपरोक्त के क्रम में मुझे यह भी कहने का निदेश हुआ है कि चयन/प्रोन्नत वेतनमान अनुमन्य होने पर वेतनवृद्धि की अनुमन्यता के सम्बन्ध में वित्त विभाग के परामर्शोपरान्त पृथक से स्पष्ट आदेश निर्गत किए जाएंगे।
कृपया तदनुसार अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित करने का कष्ट करें।

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