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Big breaking :-अभिभाषण के दौरान कांग्रेस विधायक व संसदीय कार्यमंत्री में तू-तू-मैं-मैं, प्रीतम ने किया बीच-बचाव

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अभिभाषण के दौरान कांग्रेस विधायक व संसदीय कार्यमंत्री में तू-तू-मैं-मैं, प्रीतम ने किया बीच-बचाव

राज्यपाल का बजट अभिभाषण शुरू हुआ। नेता प्रतिपक्ष के विरोध के बाद विपक्ष के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी करते हुए विधायक मदन बिष्ट लगातार हाथ से अपनी बायीं ओर बैठे सत्तापक्ष की ओर इशारा कर रहे थे।

राज्यपाल का अभिभाषण और विपक्ष के विधायकों का वेल में प्रदर्शन चल रहा था कि अचानक द्वाराहाट से कांग्रेस विधायक मदन सिंह बिष्ट और संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बीच तकरार ने सबका ध्यान खींच लिया। करीब दो मिनट की तकरार के बाद सदन में बेशक मामला शांत हो गया, लेकिन सदन के बाहर मंत्री और विधायक के बीच बयानी तीर चलते रहे। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जहां कांग्रेस विधायक के आचरण को लेकर शराब पी कर आने की आशंका जताई। वहीं, कांग्रेस विधायक ने उनका मेडिकल चेकअप कराने की बात कही

मंगलवार को सुबह 11:02 बजे राज्यपाल का बजट अभिभाषण शुरू हुआ। नेता प्रतिपक्ष के विरोध के बाद विपक्ष के विधायक वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी करते हुए विधायक मदन बिष्ट लगातार हाथ से अपनी बायीं ओर बैठे सत्तापक्ष की ओर इशारा कर रहे थे। यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी बैठे थे। इसी दौरान उनकी किसी नारेबाजी पर संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रतिक्रिया दे दी।

उनके जवाब देते ही दोनों नेताओं के बीच तकरार बढ़ गई। राज्यपाल के अभिभाषण और विपक्ष के शोर-शराबे के बीच अचानक सबकी निगाहें दोनों नेताओं पर गईं। हालांकि इससे सदन की कार्यवाही बाधित नहीं हुई। कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट को पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह हाथ पकड़ कर दूसरी ओर लेकर गए। तब जाकर बहस का सिलसिला खत्म हुआ। हालांकि, सदन से बाहर निकलने पर भी बिष्ट के नाराजगी भरे स्वर सुनाई देते रहे। उधर, संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि सदन में विपक्ष का नकारात्मक रवैया रहा। दलीय बैठक में उन्होंने शांतिपूर्ण और सौहार्दपूर्ण ढंग से सदन चलाने में सहयोग की बात कही थी। लेकिन पहले ही दिन जो आचरण किया, वह उचित नहीं ठहराया जा सकता। वेल में आकर अभद्र भाषा का प्रयोग दुर्भाग्यपूर्ण है। सदन की अपनी एक गरिमा है। सदन में सभी को अनुशासन और नियमों का पालन करना चाहिए।

 

शायद उन्होंने शराब पी रखी थी : अग्रवाल
मुझे लगता है कि शायद उन्होंने शराब पी रखी थी, वह ऐसी स्थिति में आए और मुख्यमंत्री और सरकार को गाली दी। चोर-चोर शब्द बोला। यह असंसदीय भाषा है। जिस प्रकार से उंगली दिखाकर और आंखे दिखाकर उन्होंने व्यवहार किया, वह मुझे अच्छा नहीं लगा। फिर वह तू-तड़ाक पर आ गए। मैंने इसका विरोध किया कि यह शोभा नहीं देता है।
– प्रेमचंद अग्रवाल, संसदीय कार्यमंत्री

मेरा मेडिकल चेकअप करा लो : बिष्ट
मैं तो कह रहा हूं कि यदि वह ऐसी बात करते हैं तो मेरा मेडिकल चेकअप करा लो। सदन में हम विपक्ष के लोग हैं, विपक्ष की ही तो बात करेंगे। आप भाषण पढ़े जा रहे हो, उत्तराखंड के अंदर आपने किया क्या है? हमसे कह रहे हो, चलो-चलो बाहर। मंत्री हैं तो अपने लिए हैं। अगर कोई ऐसी बात हमें बोलेगा तो हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
– मदन बिष्ट, कांग्रेस विधायक

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Author: Swati Panwar
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