पौड़ी के राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षिका से बदसलूकी, आरोपी को राहत से मानवाधिकार आयोग हैरान
शिक्षिका ने राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद आयोग ने अधिकारियों से जवाब तलब किया है।
पौड़ी गढ़वाल के राजकीय इंटर कॉलेज बग्याली में एक सहायक अध्यापिका के साथ बदसलूकी के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने जिलाधिकारी व उच्च शिक्षा अधिकारियों से जवाब-तलब किया है। जांच समिति की रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होने के बावजूद आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई न होने पर हैरानी जताई है।
आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट ने सवाल किया कि आरोपी अध्यापक को स्थानांतरण के बावजूद उसी विद्यालय में क्यों तैनात रखा गया। इस संबंध में जिलाधिकारी पौड़ी गढ़वाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा, अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक शिक्षा और मुख्य शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी किया है। साथ ही 14 जुलाई तक विस्तृत आख्या पेश करने का आदेश दिया है। आख्या में पूछा गया है कि आरोपी के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई, यदि नहीं की गई तो स्पष्टीकरण दिया जाए।
शिक्षिका ने आयोग में शिकायत दी कि वे 17 अगस्त 2024 को अपनी कक्षा में थीं। जहां 10वीं की एक छात्रा ने उन्हें बताया कि उसकी तबीयत ठीक नहीं, लेकिन आरोपी शिक्षक उसे शारीरिक कार्य के लिए मजबूर कर रहे हैं। छात्रा की व्यथा सुनकर शिक्षिका ने कक्षा में बैठने को कहा। इस पर आरोपी शिक्षक चिल्लाने लगे और पीछे से आकर शिक्षिका की दोनों बाजुओं को मरोड़ दिया साथ ही शिक्षिका को धक्का देकर दरवाजे की ओर धकेल दिया।
शिक्षिका ने शिकायत के साथ जांच रिपोर्ट भी दाखिल की है, जिसमें खंड शिक्षा अधिकारी, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी व अन्य जांच अधिकारियों ने आरोपों की पुष्टि की है। समिति ने आरोपी को विशाखा गाइडलाइन के उल्लंघन का दोषी पाया और अति दुर्गम स्थल में प्रशासनिक आधार पर स्थानांतरण की सिफारिश हुई है। शिक्षिका का कहना है कि जांच के खिलाफ आरोपी शिक्षक ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, लेकिन उनके लिए कोई स्थगन आदेश पारित नहीं है।

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