सैकड़ों छात्रों के भविष्य पर संकट, छात्रों ने अन्य संस्थान में एडमिशन की बात लिखित में दिए जाने की मांग की
उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय ने कहा कि अचानक बंद नहीं किया जा सकता कोई संस्थान
Iएक इंस्टीट्यूट के प्रबंधन ने अचानक संस्थान को बंद कर दिए जाने की घोषणा कर दी। बुधवार को प्रबंधन के लोग संस्थान पहुंचे तो छात्रों ने गेट बंद कर हंगामा कर दिया। सूचना पर पुलिस भी पहुंची और मामले की जानकारी ली। छात्रों का कहना है कि यदि संस्थान बंद हो रहा है तो उनके भविष्य पर संकट छा जाएगा। छात्रों ने प्रबंधन से एक समान फीस पर अन्य संस्थान में प्रवेश दिलाने की बात लिखित में दिए जाने की मांग की है। वहीं विवि प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि कोई संस्थान अचानक से बंदी नहीं कर सकता है।
Iमसूरी रोड पर ज्ञानी इंदर सिंह इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज स्थित है। इस संस्थान में फार्मेसी और नर्सिंग के कोर्स संचालित हो रहे हैं। बताया गया है कि कुछ समय से संस्थान प्रबंधन की ओर से इस संस्थान को बंद किए जाने की चर्चाएं चल रहीं थीं। बुधवार को जब प्रबंधन के लोग संस्थान पहुंचे तो इसे लेकर हंगामा हो गया।
संस्थान प्रबंधन ने भी इस बात को मान लिया कि वे संस्थान को बंद करना चाहते हैं। इसके साथ ही संस्थान प्रबंधन ने उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से भी संस्थान को बंद करने की मांग कर दी है। हंगामा कर रहे छात्र मयंक कुमार, सत्यम कुमार, मोहम्मद समीर, नूर अहमद, आकृति सिंह, शोएब, शहनवाज, शाहरुल त्यागी आदि का कहना था कि यदि संस्थान बंद हो गया तो उनकी पढ़ाई पर संकट आ जाएगा। छात्रों ने बताया कि संस्थान प्रबंधन से वार्ता की है कि यदि संस्थान बंद किया जाता है तो उनका दाखिला उसी फीस में दूसरे संस्थान में कराया जाएगा। ताकि उनका भविष्य बर्बाद न हो। छात्रों ने यह लिखित में दिए जाने की मांग की। लिखित में नहीं दिए जाने पर छात्रों ने हंगामा किया।
संस्थान का गेट बंद कर दिया। सूचना पर पहुंची राजपुर पुलिस ने किसी तरह समझा बुझाकर छात्रों को शांत किया। बताया गया है कि संस्थान के इस निर्णय से करीब 300 छात्रों का हित प्रभावित होगा।
Iनियम के अनुसार कोई संस्थान बंद होता है, यह प्रक्रिया साल दर साल होती है। यानी प्रोग्रेसिव क्लोजर के अंतर्गत नए एडमिशन बंद कर दिए जाते हैं और पुराने छात्रों के पास होने बाद संस्थान को पूर्ण रूप से बंद कर दिया जाता है। उत्तराखंड तकनीकी विवि के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने बताया कि प्रोग्रेसिव क्लोजर प्रक्रिया में छात्रों का हित सुरक्षित रहता है।
Dehradun
ज्ञानी इन्द्र सिंह इंस्टीट्यूट के मुख्य द्वार पर पीड़ित छात्रों ने जड़ा ताला
छात्रों का आरोप बिना बताए पैरामेडिकल इंस्टिट्यूट को बंद किया जा रहा है
सैकड़ों छात्रों का भविष्य अधर में लटका
बीच सैमिस्टर अब छात्रों को किस कॉलेज में शिफ़्ट किया जाएगा इसको लेकर छात्र परेशान
मैनेजमेंट की ओर से पीड़ित छात्र छात्राओं को नहीं मिल रहा कोई ठोस आश्वासन
इंस्टीट्यूट चेयर पर्सन ने कहा कि बच्चों को दूसरे कॉलेजों में शिफ़्ट किया जाएगा
Iसंस्थान की ओर से सूचना दी गई है कि उन्होंने संस्थान को बंद करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। जिस तरह से संस्थान को खोलने की एक प्रक्रिया होती है, उसी तरह बंद करने की अलग प्रक्रिया होती है। कोई भी संस्थान अचानक उसे बंद नहीं कर सकता। उनके प्रार्थना पत्र का नियमावली के आधार पर परीक्षण किया जाएगा। संस्थान बंद किया जा सकता है या नहीं, इस बारे में परीक्षण के बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
-प्रो. ओंकार सिंह, कुलपति उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालयI
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