रील पर विवाद…पूर्व सीएम हरीश रावत ने भाजपा पर लगाए आरोप, थाने पहुंचकर दर्ज कराई एफआईआर
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बीते दिनों मुस्लिम समुदाय से संबंधित एक रील वायरल हुई। जिसके बाद उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाए हैं

पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने एआई के जरिये अपनी छवि खराब करने के आरोप में मंगलवार को नेहरू कॉलोनी थाने पहुंचकर भाजपा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई। तहरीर दी कि भाजपा एआई तकनीक का दुरुपयोग कर उनके खिलाफ आपत्तिजनक वीडियो प्रसारित कर रही है, जिससे उनकी छवि धूमिल हो रही है। साथ ही सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश हो रही है
पूर्व मुख्यमंत्री ने तहरीर में बताया कि भाजपा के आधिकारिक पेज पर एआई से बनी एक रील और वीडियो पोस्ट किया गया है, जिससे उनका कोई संबंध नहीं है। आरोप में कहा कि यह पेज शायद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष या अन्य सहयोगी सदस्य संचालित करते हैं। वीडियो हिंदू-मुस्लिम समुदायों के लिए आपत्तिजनक है। इसके जरिये दोनों समुदायों की आस्था पर प्रहार किया गया है।
इससे सामाजिक असंतोष फैल सकता है। यह वीडियो धार्मिक भावनाओं को भड़काने के इरादे से बनाया और प्रसारित किया गया है। रावत ने कहा कि वीडियो के माध्यम से उन्हें राष्ट्रद्रोही के रूप में चित्रित करने का कुत्सित प्रयास किया गया है, जो उनकी दशकों की राजनीतिक शुचिता पर हमला है। इस तरह के कृत्य से भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को भी खतरे में डालने की कोशिश की गई है। इस हरकत से उन्हें गहरा आघात लगा है।
साइबर सेल की मदद से वीडियो की जांच करके साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अजय सिंह, एसएसपी, देहरादून।
पहली बार किसी पूर्व सीएम ने दर्ज करवाई प्राथमिकी
इस घटनाक्रम ने राजनीति में नई बहस छेड़ दी है। यह शायद पहला बड़ा मामला है जब किसी पूर्व मुख्यमंत्री ने एआई जनरेटेड किसी सामग्री के खिलाफ सीधे थाने पहुंचकर प्राथमिकी दर्ज करवाई है। जाहिर है कि अब भाजपा और कांग्रेस के बीच की जुबानी जंग डिजिटल कंटेंट से छेड़छाड़ और साइबर अपराध के आरोपों तक पहुंच गई है। चुनाव के करीब आते ही हिंदू-मुस्लिम नैरेटिव वाले वीडियो का आना राज्य के शांत माहौल के लिए चुनौती माना जा रहा है।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अुसार, दोपहर 12:45 बजे नेहरू कॉलोनी थाने पहुंचे थे। उनके साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक मौजूद रहे। वे भाजपा पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाकर नारेबाजी से आक्रोश जताते नजर आए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को चेतावनी दी कि एक घंटे के भीतर यदि उनकी प्राथमिकी दर्ज नहीं होती है तो वह थाने में ही डटे रहेंगे। उन्होंने थाने पर धरना दे दिया। बाद में बयान दिया कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री को प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए घंटे इंतजार करना पड़ रहा है तो सामान्य व्यक्ति की भाजपा के राज्य में क्या स्थिति होगी। बाद में पुलिस ने उनकी प्राथमिकी दर्ज करके कॉपी सौंप दी। पूर्व मुख्यमंत्री ने शाम को प्राथमिकी की कॉपी जिला एसएसपी और एसटीएफ एसएसपी के कार्यालय में देकर शीघ्र कानूनी कार्रवाई का अनुरोध किया।
विपक्ष की एकजुटता
इसी बहाने कांग्रेस ने एकजुटता दिखाते हुए यह संदेश देने की कोशिश की है कि वे अपने खिलाफ दुष्प्रचार का जवाब कानून के साथ-साथ सड़क पर भी देंगे। थाने में तहरीर देते समय रावत के साथ कांग्रेस व अन्य दलों के कई वरिष्ठ चेहरे मौजूद रहे। इनमें विधायक ममता राकेश, रवि बहादुर, फुरकान अहमद, अनुपमा रावत और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला मुख्य रूप से शामिल थीं। वहीं, इंडिया गठबंधन से कामरेड समर भंडारी, कामरेड इंद्रेश मैखूरी, कामरेड जगदीश कुकरेती आदि उपस्थित रहे।

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