भारतीय संविधान के अनुच्छेद-24 में बाल मजदूरी निषेध तथा अनुच्छेद-21A में शिक्षा का अधिकार प्रदान किया गया है, जिसके कम में निःशुल्क शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 व उत्तराखण्ड शासन, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की अधिसूचना संख्या-1192/XVII(4)/2011/230/10 दिनांक 10 मई, 2011 द्वारा बाल अधिकारों को संरिक्षत किये जाने के सम्बन्ध में स्पष्ट दिशा निर्देश निर्गत किये गये हैं।
उक्त स्पष्ट प्राविधान के बावजूद भी प्रायः यह देखा जा रहा है कि विद्यालय प्रधानाचार्य-प्रधानाध्यापक व शिक्षकों द्वारा अध्ययनरत छात्र-छात्राओं से शिक्षण कार्य के इतर अन्य कार्य करवाये जो रहे हैं। ऐसे ही प्रकरण संज्ञान में आने पर जनपद चमोली व जनपद देहरादून में छात्र-छात्राओं से शिक्षण कार्य से इतर कार्य करवाये जाने पर सम्बन्धित शिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही भी की गई है।
अतः राष्ट्रीय कार्यक्रमों व भारत सरकार/राज्य सरकार द्वारा निर्धारित सामूहिक कार्यक्रमों एवं पाठ्य सहगामी किया-कलापों के अतिरिक्त छात्र-छात्राओं से किसी भी प्रकार के अन्य कार्य न करवाये जांय। उक्त का उल्लंघन करने पर सम्बन्धित प्रधानाचार्य-प्रधानाध्यापक व शिक्षक के विरूद्ध विभागीय कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

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