80 दिन बाद शुरू हो रही यात्रा, हेमकुंड साहिब कैसे पहुंचेंगे यात्री? पुल खड़ा करना चुनौती
अचानक पहाड़ी से हुए भूस्खलन ने गोविंदघाट में बने सस्पेंशन ब्रिज (केबलों के सपोर्ट से बनने वाला पुल) ध्वस्त हो गया। इसके साथ ही गोविंदघाट से दूसरी तरफ का संपर्क पूरी तरह से कट गया है
गोविंदघाट में अलकनंदा नदी पर बना पुल एक बार फिर ध्वस्त हो गया है। इसी पुल के बिना हेमकुंड साहिब और फूलों की घाटी जाना संभव नहीं हो पाएगा। हेमकुंड साहिब की यात्रा 25 मई को शुरू हो जाएगी। ऐसे में प्रशासन के सामने अब करीब 80 दिन शेष हैं, इतने कम समय में यहां पर वैकल्पिक पुल तैयार करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।
बुधवार पांच मार्च को अचानक पहाड़ी से हुए भूस्खलन ने गोविंदघाट में बने सस्पेंशन ब्रिज (केबलों के सपोर्ट से बनने वाला पुल) ध्वस्त हो गया। इसके साथ ही गोविंदघाट से दूसरी तरफ का संपर्क पूरी तरह से कट गया है। अब प्रशासन को हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू होने से पहले यहां पर पुल खड़ा होगा
हेमकुंड साहिब की यात्रा शुरू होने पर यहां यात्रियों का हुजूम उमड़ता है। यात्रा शुरू होने से कुछ दिन पहले इसकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। ऐसे में 20 मई तक यहां पर पुल बनकर तैयार किया जाना जरूरी है। तभी समय पर श्रद्धालु यात्रा पर जा सकेंगे।
यहां पर सिर्फ पैदल पुल बनता है तो श्रद्धालुओं को वाहन की सुविधा नहीं मिल पाएगी। वहीं अगर यात्री वाहन से पुलना तक जाते हैं उन्हें गोविंदघाट से ही पैदल चलना पड़ेगा।
लोनिवि से मांगा समाधान का प्लान
जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि लोनिवि के अधीक्षण अभियंता मौके पर निरीक्षण के लिए गए हैं। वे अलकनंदा पर वैकल्पिक व्यवस्था के समाधान के लिए प्लान देंगे। उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यात्रा शुरू होने में अभी समय है। उम्मीद है कि यात्रा से पहले हम वहां पर व्यवस्था बना लेंगे।
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