पंचायतों में आरक्षण से आगे निकलीं महिलाएं, सामान्य सीटों पर भी जीतीं
प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में इस बार महिलाएं आरक्षण की बंदिशों से आगे निकल गईं। प्रदेशभर में आरक्षित पदों के साथ ही इस बार महिला उम्मीदवारों ने अनारक्षित पदों पर भी अपनी धमक दिखाई है।जिला पंचायत सदस्य का चुनाव पंचायतों में काफी बड़े क्षेत्र का और चुनौतीपूर्ण होता है। यहां आरक्षित सीटों पर तो महिलाओं को टिकट मिलता है लेकिन अनारक्षित सीटों पर महिलाओं की मौजूदगी नगण्य होती है।
लेकिन इस बार जिला पंचायत सदस्य की उन 10 सीटों पर महिला प्रत्याशियों ने जीत का परचम फहराया है, जो कि अनारक्षित थीं। जिला पंचायत की कुल 358 सीटों में से 171 पर महिला प्रत्याशियों ने कब्जा जमाया। प्रधान के 7499 पद थे। इनमें से 18 रिक्त पदों को छोड़ दें तो इस बार बड़ी संख्या में अनारक्षित पदों पर भी महिला प्रधान बनकर सामने हैं। इसी प्रकार, क्षेत्र पंचायत सदस्य और वार्ड सदस्य के चुनाव में भी अनारक्षित पदों पर महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।
नामांकन से थी धमक, 59% महिला 41% पुरुष थे उम्मीदवार
पंचायत चुनाव के नामांकन से ही महिलाओं की धमक देखने को मिली थीं। चुनाव के लिए 63,569 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। इनमें महिला उम्मीदवारों की संख्या 37,356 थी, जो कुल दाखिल नामांकन का 59 प्रतिशत था। आरक्षित वर्ग में भी महिला उम्मीदवारों ने उत्साह दिखाया था। अनुसूचित जनजाति की 2,401, अनुसूचित जाति की 11,208 और अन्य पिछड़ा वर्ग की 4,532 महिला उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। सदस्य जिला पंचायत के 358 पदों के लिए 1,885 नामांकन थे, जिनमें से 931 महिला प्रत्याशी, सदस्य क्षेत्र पंचायत के 2,974 पदों के सापेक्ष 11,478 नामांकन थे, जिनमें से 6,221 महिलाए प्रत्याशी, ग्राम प्रधान के 7,499 पदों के सापेक्ष 21,912 नामांकन थे, जिनमें से 12,510 महिला प्रत्याशी और सदस्य ग्राम पंचायत के 55,587 पदों के सापेक्ष 28,294 नामांकन थे, जिनमें से 17,694 महिला उम्मीदवार थीं।

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