संघ लोक सेवा आयोग में उत्तराखंड के पीसीएस अफसरों की ओर से राज्य के ही पीसीएस अफसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए एक शिकायत की गई है। इन अफसरों की पदोन्नति न किए जाने मांग की गई है। जिन पीसीएस अफसरों के नाम से ये शिकायत हुई है, उन्होंने इसे फर्जी करार देते हुए अलग अलग जिलों में एफआईआर दर्ज करा दी है।
यूपीएससी की ओर से भी मुख्य सचिव को इन शिकायतों पर स्थिति स्पष्ट करने को पत्र भेजा गया है। इस पत्र के आते ही शासन में हड़कंप मच गया। पीसीएस अफसरों की ओर से राज्य के ही दूसरे वरिष्ठ पीसीएस अफसरों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाने की शिकायत का मामला सामने आते ही इसका असर जिलों तक में नजर आया।
चमोली जिले में मुख्य विकास अधिकारी डा. ललित नारायण मिश्रा और एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी ने गोपेश्वर कोतवाली में एफआईआर दर्ज कराई। एफआईआर में कहा कि 2004 बैच के पीसीएस अफसरों के नाम से यूपीएससी और केंद्रीय सचिव कार्मिक को फर्जी शिकायत की गई है। उनकी ओर से इस तरह की कोई शिकायत नहीं की गई है। न ही पूर्व में कभी कोई ऐसी शिकायत की गई है।
इस सम्बन्ध में यूपीएससी और केंद्रीय सचिव कार्मिक को भी पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है। इस शिकायत को यूपीएससी में जल्द होने वाली डीपीसी प्रक्रिया को बाधित करने की साजिश का हिस्सा माना जा रहा है। राज्य के पीसीएस अफसरों की आईएएस के पद पर पदोन्नति को लेकर जल्द डीपीसी होनी है। उससे पहले ही फर्जी शिकायतें की गई हैं।
इधर, देहरादून जिले में अपर जिलाधिकारी राजस्व रामजी शरण, नगर आयुक्त ऋषिकेश राहुल कुमार गोयल, एडीएम प्रशासन डॉ. शिव कुमार बरनवाल और राजस्व परिषद के आयुक्त मोहम्मद नासिर ने शहर कोतवाली में इस मामले को लेकर तहरीर दी है।
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