जहां पांच साल से लगातार आग लग रही है वहां पहले से करना है काम, केंद्रीय मंत्री ने दी सलाह
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा, इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों साथ-साथ चलें। जहां अधिक वन वृक्ष आवरण में कमी आई है, उन राज्यों के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं के जवाब पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों के लिए काम किया जाएगा।
जंगल की आग सबसे बड़ी समस्या है। इससे जंगल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। अतिक्रमण का भी खतरा रहता है। जहां पांच साल से लगातार आग की घटना हो रही है, उस क्षेत्र की अलग श्रेणी बनाएं। वहां पर अग्रिम तौर पर काम करना है। यह बात पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने प्रेस वार्ता में कही।
केंद्रीय मंत्री ने क्षतिपूरक वनीकरण के लिए भूमि जुटाने की उत्तराखंड जैसे राज्यों की चुनौती पर कहा, इकोलॉजी और इकोनॉमी दोनों साथ-साथ चलें। जहां अधिक वन वृक्ष आवरण में कमी आई है, उन राज्यों के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं के जवाब पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों के लिए काम किया जाएगा।
वन और वृक्ष आवरण में बढ़ोतरी के पीछे क्षतिपूरक वनीकरण समेत अन्य कारण हैं।फॉरेस्ट सर्वे आफ इंडिया जंगल की आग को लेकर फायर अलर्ट भेजता है। उत्तराखंड से नवंबर-2023 से 2024 तक 21,033 अलर्ट आए।
इसके बाद ओडिशा, छत्तीसगढ़, आंध प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तेंलगाना, हिमाचल, असम व झारखंड हैं। देश में वन और वृक्ष आवरण की बढ़ोतरी की रफ्तार में कमी आई है। वर्ष-2021 में एफएसआई की रिपोर्ट में 2,261 वर्ग किमी बढ़ाेतरी का उल्लेख था। इस बार की रिपोर्ट में वन और वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी बढ़ोतरी दर्ज है।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें
अपने क्षेत्र की ख़बरें पाने के लिए हमारी इन वैबसाइट्स से भी जुड़ें -
