देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ एससीईआरटी शाखा के अध्यक्ष डॉ० अंकित जोशी का कहना है कि 28 फरवरी की उच्च स्तरीय बैठक आहूत हुए आज एक माह पूर्ण होने पर भी पदोन्नति के मसले पर समाधान की दिशा में विभाग की ओर से एक भी कदम न उठाना खेदजनक है, न तो कार्यवृत्त ही निकला और न ही अग्रेत्तर कार्यवाही हेतु पत्रावली चलाने के आदेश निर्गत हुए ।
ऐसा न हो पाना एक आम शिक्षक की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है। विभाग को एल टी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति के संबंध में ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन करते हुए वरिष्ठता का निर्धारण कर पदोन्नति करनी चाहिए थी लेकिन मसले को लटकाने के उद्देश्य से विभाग मामले को माननीय उच्च न्यायायल की शरण में ले गया। विभाग यदि यह स्पष्ट करता कि तदर्थ शिक्षकों को कब से वरिष्ठता देगा और किस नियम के आधार पर देगा तो वरिष्ठता विवाद स्वतः ही समाप्त हो जाता लेकिन विभाग ने यह निर्णय न ले कर मामले को उच्च न्यायालय में डाल दिया साथ ही पदोन्नति के पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर अतिथि शिक्षकों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ कर दिया, क्योंकि पदोन्नति के पद पर सीधी भर्ती का कार्मिक कभी भी स्थाई नहीं हो सकेगा।
पदोन्नति की राह में आज यदि कोई सबसे बड़ा रोड़ा है तो विभाग स्वयं है। विभाग आज भी अपनी याचिका वापस ले कर मसले का समाधान कर सकता है, यदि विभाग तत्काल मसले के समाधान हेतु उचित कदम नहीं उठाता है तो मजबूरन शिक्षक विरोध की नीति अपनाने को मजबूर होगा।
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