उत्तराखंड कांग्रेस के भी गजब हाल हैं हालात ऐसे हैं की लोकसभा चुनावों में हार के बाद भी सबक लेने को तैयार नहीं हैं और बड़े नेताओं ने तो लगता हैं पार्टी को मजबूत ना करने का फैसला ले ही लिया हैं हालात ये हैं की पार्टी संगठन अगर चुनावी सभाओ में बुला ले तो गनीमत लेकिन अगर नहीं बुलाया तो चुनावी इलाकों में जाने की जगह हर जगह घूमते नजर आएंगे.
इन दिनों बद्रीनाथ और मंगलौर विधानसभा में उपचुनाव चल रहें हैं लेकिन प्रदेश संगठन के अलावा बड़े नेताओं की इन दोनों उपचुनाव वाली विधानसभा में जाना नहीं हो रहा हैं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह का अभी तक कोई भी कार्यक्रम इन दोनों विधानसभा का नहीं बना हैं वही वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत जिनके बेटे के चुनाव में अगर कही से सबसे बड़ी चुनावी लीड 23 से 25 हजार के बीच मिली वो मंगलौर सीट ही थी लेकिन चुनाव घोषित हुए कई दिन हो गए हैं हरदा मंगलौर में चुनावी सभा करने नहीं गए हैं ऐसा भी नहीं हैं कि किसी प्रत्याशी का इंतज़ार करना हो क्यूंकि सभी जानते हैं की काजी निजामुद्दीन ही वहा कांग्रेस के प्रत्याशी हैं
लेकिन हरीश रावत टिहरी में दो दिन से जरूर बेटे आंनद रावत के साथ घूम रहें हैं लेकिन उन्हें मंगलौर में पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में प्रचार करना चाहिए था अब क्या हरीश रावत प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बुलावे और निमंत्रण का इंतज़ार कर रहें हैं क्या
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