ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रहों के राजा सूर्य एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते हैं। ऐसे में इसे संक्रांति कहा जाता है। सूर्य 15 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश कर रहे हैं। सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को मकर संक्रांति कहा जाता है। ज्योतिष मान्यता के अनुसार इस बार मकर संक्रांति अश्व पर सवार होकर आएगी और उपवाहन सिंह रहेगा। इससे व्यापारिक क्षेत्र में प्रगति होगी। जनता के वैभव व सुख में वृद्धि होगी।
makar sankranti-2024 :- इस दिन सूर्य पूजा के साथ 14 वस्तुओं का दान-पुण्य का विशेष महत्व है। ग्रहों के राजा सूर्य 14 जनवरी की अर्धरात्रि 2 बजकर 44 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे। उदयातिथि के अनुसार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। इस साल की मकर संक्रांति इसलिए भी खास है रवि के साथ कुमार योग भी बन रहा है। इस दिन आप सूर्य उपासना के साथ ही अपनी राशि अनुसार दान-पुण्य करके धार्मिक लाभ उठा सकते हैं।
ऐसी मान्यता है कि इसी त्योहार पर सूर्य देव अपने पुत्र शनि से मिलने के लिए आते हैं। सूर्य और शनि का सम्बन्ध इस पर्व से होने के कारण यह काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। आम तौर पर शुक्र का उदय भी लगभग इसी समय होता है इसलिए यहां से शुभ कार्याे की शुरूआत होती है
लेकिन विगत पांच-छह वर्षों से इसमें फेरबदल हो गया है। जो 15 जनवरी को मकर का सूर्य प्रवेश करता है। इस वर्ष भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को सुबह 8:42 बजे के बाद मनाई जाएगी। साथ ही खरमास समाप्त हो जाएगा। इसके बाद शुभ कार्य आरंभ हो जाएगा। मकर संक्रांति के दिन सूर्यनारायण एवं भगवान विष्णु की पूजा 8:42 के बाद करें। इसके साथ ही चूड़ा, दही, तिलकूट आदि हवन में डालें। ब्राह्मणों को चूड़ा, दही, तिलकूट, अरवा चावल, कुरथी दाल, वस्त्र, धार्मिक पुस्तक आदि दान करें।
makar sankranti-2024 :- गौ को भी चूड़ा, तिलकूट, घी, गुड़ मिलाकर खिलाएं। इससे नाकारात्मक ऊर्जा का विनाश होता है। साथ ही शुभ कार्य होता है। इसके साथ ही ग्रह शांति के लिए गायत्री मंत्र का जाप एवं विष्णु भगवान की मंत्र जाप करें
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