क्या होगी एक करोड़ की बर्बादी! हल्द्वानी में बगैर सिग्नल दिए हट जाएंगी ट्रैफिक लाइटें
असल में ट्रैफिक लाइटों को लगाने में विशेषज्ञों व पुलिस अधिकारियों की राय तक नहीं ली गई। 100-100 मीटर की दूरी पर लाइटें लग गईं। नतीजा यह रहा कि इन्हें चालू करते ही जाम लग रहा था। साथ ही टाइमिंग सेट नहीं हो सकी। इधर हाईवे चौड़ीकरण का काम तेजी से चल रहा है और चौराहों को चौड़ा किया जा रहा है।हल्द्वानी। सरकारी धन की बर्बादी का इससे बड़ा नमूना और क्या होगा। हल्द्वानी के चौराहों पर बिना प्लानिंग के लगाई गईं एक करोड़ की ट्रैफिक लाइटें अब हट जाएंगी। हाईवे और चौराहा चौड़ीकरण की जद में ट्रैफिक लाइटें आ चुकी हैं।
लालडांठ व पंचायत घर से इन्हें हटाने की शुरुआत हो चुकी है। कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी में हर रोज लगने वाली जाम की समस्या को खत्म करने के लिए वर्ष 2020-21 में 13 प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक लाइट लगाई गई थीं। ये ट्रैफिक लाइटें सफेद हाथी साबित हो गई थी
कभी चालू नहीं हो सकीं लाइट
पुलिस इन्हें चालू करने के बात कहती रही, लेकिन आज तक नहीं चल सकीं। कुछ ट्रैफिक लाइटों को ऐसी जगह लगा दिया गया है, जहां इनका इस्तेमाल नहीं हो सकता, क्योंकि वहां सड़कें चौड़ी नहीं थी। इससे भी हैरानी की बात यह थी कि ट्रैफिक लाइटों पर बिजली के कनेक्शन लिए गए थे। सुबह से लेकर रात तक एक बत्ती जली रहती थी। ऊर्जा निगम ने पुलिस को इसका भारी-भरकम बिल भी थमा दिया था।
तेजी से चल रहा हाइवे चौड़ीकरण का काम
असल में ट्रैफिक लाइटों को लगाने में विशेषज्ञों व पुलिस अधिकारियों की राय तक नहीं ली गई। 100-100 मीटर की दूरी पर लाइटें लग गईं। नतीजा यह रहा कि इन्हें चालू करते ही जाम लग रहा था। साथ ही टाइमिंग सेट नहीं हो सकी। इधर, हाईवे चौड़ीकरण का काम तेजी से चल रहा है और चौराहों को चौड़ा किया जा रहा है।
इसलिए हल्द्वानी के सभी चौराहों से ट्रैफिक लाइटों को हटाया अनिवार्य है। लाइटें हटते ही एक करोड़ रुपये की बर्बादी हो जाएगी, क्योंकि हल्द्वानी में अभी इन ट्रैफिक लाइट की जरूरत महसूस नहीं हो रही है। इधर, प्रशासन की ओर से उखाड़ी गई ट्रैफिक लाइटें पुलिस को सौंप दी गई हैं।
चौराहा व हाईवे चौड़ीकरण की जद में आ रही ट्रैफिक लाइटें हटाई जाएंगी। पंचायत घर व लालडांठ से ट्रैफिक लाइटों को हटाया जा चुका है। शहर के विकास के लिए इन्हें हटाना अनिवार्य है।
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