बेरोजगार संघ लगातार आंदोलन कर रहा है और कई मांगों पर लगातार सरकार और उनके बीच में बातचीत चल रही है ऐसे में सरकार ने भी साफ किया है की सरकार ने बेरोजगार संघ की कई मांगों को माना है ऐसे में सरकार ने साफ किया है कि बेरोजगार संघ की सभी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए राज्य सरकार ने विभिन्न बिंदुओं पर कार्यवाही की है।
1-राज्य सरकार पटवारी भर्ती घोटाले की एसआईटी जांच को हाई कोर्ट के जज की निगरानी में कराएगी।
2-सीबीआई जांच की मांग को उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा अस्वीकार किया जा चुका है। हाई कोर्ट पहले ही यह अवधारित कर चुका है कि जांच सही हो रही है इसलिए प्रकरण की सीबीआई नहीं करायी गई।
3-आंदोलनरत युवाओं की एक मांग पटवारी भर्ती में प्रश्नपत्र बदले जाने की थी। लोक सेवा आयोग पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि 12 फरवरी को होने जा रही पटवारी परीक्षा के प्रश्न पत्र नए सिरे से तैयार किए गए हैं।
4-सख़्त नकल विरोधी अध्यादेश को मंजूरी प्रदान की जा चुकी है।
5- राज्य लोक सेवा आयोग के परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया गया है।
सरकार की तरफ से साफ कर दिया गया है कि तमाम मांगों पर कार्यवाही किए जाने से आंदोलन जारी रखने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है। तो बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिरकार कौन है जो तमाम मांगों को पूरा होने के बावजूद युवाओं को आंदोलन में झोंके हुए हैं
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