शव के टुकड़े-टुकड़े कर ठिकाने लगाने की थी साजिश, समय न मिलने की वजह से तीन हिस्सों में काट पाया शव
दस वर्षीय मासूम की हत्या की घटना के खुलासे के बाद आरोपी निखिल जोशी की सोची समझी साजिश से भी पर्दा उठा है। निखिल बच्चे की हत्या चार अगस्त को कर चुका था और उसकी योजना थी कि शव को टुकड़ों में काटकर नदी-नालों में बहा देगा।
दस वर्षीय मासूम की हत्या की घटना के खुलासे के बाद आरोपी निखिल जोशी की सोची समझी साजिश से भी पर्दा उठा है। निखिल बच्चे की हत्या चार अगस्त को कर चुका था और उसकी योजना थी कि शव को टुकड़ों में काटकर नदी-नालों में बहा देगा। सीसीटीवी की फुटेज ने उसकी इस साजिश को नाकाम कर दिया। पुलिस ने गुमशुदगी के महज पांच से छह घंटे में ही संदिग्ध मानकर उसे उठा लिया था।
पुलिस के अनुसार पूछताछ के दौरान निखिल ने पहले तो तंत्र-मंत्र की बात कहते हुए पुलिस को गुमराह किया और फिर अनर्गल बातें करने लगा। कभी मानसिक बीमारी तो कभी कुछ और। कभी हत्या की बात कबूलता तो कभी नकारता। इसी बीच मनोचिकित्सक डॉ. युवराज पंत की जब पुलिस ने मदद ली तो इस हत्याकांड की साजिश परत दर परत खुलती चली गई। बताया जाता है कि आरोपी से पूछताछ करने में जुटी टीमों को कई सनसनीखेज जानकारी मिली।
आरोपी, दरिंदगी में नाकाम होने के बाद बच्चे के शव को टुकड़े-टुकड़े कर गौला नदी में बहा देता या इधर उधर ले जाकर जमीन में दबा देता। हालांकि इसके लिए उसे समय हीं नहीं मिला। आरोपी के घर से बच्चे के घर की दूरी महज दो सौ मीटर के करीब होगी। यानी जब बच्चे की तलाश हुई तो भनक आरोपी को भी लगी और उसने घर के पीछे शव और काटे गए अंगों को दबा दिया।
सीसीटीवी न होता तो दब जाती बच्चे की गुमशुदगी
मुख्य मार्ग पर लगे सीसीटीवी में चार अगस्त को बच्चा आरोपी के घर की गली में जाता हुआ नजर आया। यही सीसीटीवी फुटेज जघन्य हत्याकांड के खुलासे की महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में सामने आया। बच्चे के साथ पीछे-पीछे आरोपी भी जा रहा था। उधर बच्चे के घर वाले सक्रिय हो गए और बच्चे की तलाश में जुट गए। पुलिस को भी गुमशुदगी में तेजी दिखानी पड़ गई। पुलिस ने शाम पांच बजे के करीब आरोपी युवक और उसके परिवार वालों को संदिग्ध मानकर पूछताछ शुरू कर दी थी। ऐसे में आरोपी को साक्ष्य मिटाने का मौका नहीं मिल पाया।
शातिर दिमाग के चलते घुमाता रहा
एसएसपी पीएन मीणा ने पत्रकार वार्ता में इस बात की ओर भी इशारा किया कि आरोपी शातिर दिमाग वाला है। पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि वह ऐसी घटनाओं से बचने की पूरी जानकारी रखता था। कब, कहां कैसे मामले और पूछताछ करने वालों से बात करनी है, उसे इसकी पूरी जानकारी थी। हालांकि पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए आखिरकार उसकी साजिश का भंडाफोड़ कर दिया।

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