हिंसक आंदोलन ने देहरादून में बढ़ाई नेपाल मूल के लोगों की चिंता, हर कोई सहमा हुआ
नेपाल में उपजे हालात से देहरादून में भी लोगों की चिंता बढ़ गई है। परिजनों की चिंता में लोग लगातार संपर्क कर रहे हैं। दून में कई परिवार ऐसे हैं जिनके परिचित नेपाल में रह रहे हैं। हिसंक आंदोलन की खबरों से लोग सहमें हुए हैं।
नेपाल में हो रहे हिंसक आंदोलन से हर कोई सहम गया है। दून में रह रहे नेपाल मूल के लोगों की चिंता काफी बढ़ गई है। कोई अपने परिवार के लिए परेशान है तो कोई देश के हालात से दंग है। नेपाल मूल के लोग हर समय मोबाइल पर अपने देश के बारे में पता कर रहे हैं। अपनों से बात करने का लगातार प्रयास कर रहे हैं लेकिन कभी उनका संपर्क हो रहा है तो कभी नहीं। बुधवार को नेपाल मूल के लोगों ने अपने देश की हालात और अपनों की चिंता पर हमसे बातचीत की।
नेपाल में हिंसक आंदोलन, दून में चिंता में परिवार
दून में रहने वाले सूर्य विक्रम शाही के भाई सहित अन्य परिवार के लोग नेपाल में ही रहते हैं। वहां हिंसक आंदोलन के बाद से केवल भाई से बात हुई अन्य परिवार के सदस्यों का फोन नहीं मिला। उनकी चिंता लगातार बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि परिवार के लोगों से लगातार बात करने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन फोन लग ही नहीं रहा। एक भाई से बुधवार को सुबह बात हुई उन्होंने भी ज्यादा समय बात न कर वहां की स्थिति ठीक नहीं बताई। फोन पर उन्होंने बताया कि अभी हालात ठीक नहीं है ना गाड़ी चल रही है ना कुछ।
परिवार की चिंता में निकल रहे आंसू
मोहब्बेवाला निवासी उर्मिला तमांग के दोनों बेटों की पत्नी नेपाल मूल की हैं। वह कई साल से शादी कर नेपाल से दून आ गई थी लेकिन हिंसक आंदोलन ने उनकी चिंता बढ़ा दी है। परिवार की चिंता में दोनों महिलाओं की आंखों से आंसू तक निकल रहे हैं। उर्मिला तमांग ने बताया कि परिवार से बात कभी हो रही कभी फोन ही नहीं मिल रहा है।
फोन पर ले रहे देश के हालात की जानकारी
चंद्रबनी के सेवला कला निवासी सोना शाही का नेपाल में मायका है। जब से वहां हिंसक आंदोलन की खबर मिली तभी से परिवार की चिंता बढ़ रही है। फोन कर रहे हैं लेकिन मिल नहीं रहा है। हर समय फोन पर नेपाल के हालातों की जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि परिवार से कभी बात हो रही है कभी नहीं।
हिंसक आंदोलन ने नेपाल की शांति को बिखेर दिया है। हमेशा से शांति प्रिय देश आज जल रहा है। नेपाल में सभी को धैर्य से काम लेना होगा। इस प्रकार के आंदोलन ठीक नहीं हैं। -मिन प्रसाद गुरुंग
कभी सोचा भी नहीं था कि नेपाल में इस प्रकार का हिंसक आंदोलन होगा। नेपाल जैसे शांतिप्रिय देश में इस प्रकार के आंदोलन बिल्कुल ठीक नहीं है। सभी को शांति से काम लेना चाहिए। -बबिता, नई बस्ती क्लेमेंटटाउन

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