वनाग्नि नियंत्रण…संसाधन जुटाने के लिए एनडीएमए देगा बजट, प्रदेश के सात जिले हैं अधिक संवेदनशील
उत्तराखंड में सात जिले जंगल की आग दृष्टि से अधिक संवेदनशील है। एनडीएमए ने वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन से जुड़े कामों को और अधिक मजबूत करने के लिए किन संसाधनों की आदि की आवश्यकता है, उसको लेकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है।
.राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने राज्य से वनाग्नि नियंत्रण व प्रबंधन के काम को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए बजट देगा। इसके लिए एनडीएमए ने राज्य से प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट को तैयार करने में वन महकमा जुटा है।
एनडीएमए ने जंगल की आग की दृष्टि से देश के 19 राज्यों के जनपदों का चयन किया है। इसमें उत्तराखंड के सात जिले पौड़ी-गढ़वाल, उत्तरकाशी, नैनीताल, चंपावत, देहरादून, टिहरी गढ़वाल और अल्मोड़ा ही शामिल है। एनडीएमए ने वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन से जुड़े कामों को और अधिक मजबूत करने के लिए किन संसाधनों की आदि की आवश्यकता है, उसको लेकर प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है।
इस रिपोर्ट को तैयार करने में वन महकमा जुटा है। इसी के तहत प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन की अध्यक्षता में बैठक वन मुख्यालय में हुई है। अपर प्रमुख वन संरक्षक वनाग्नि नियंत्रण एवं प्रबंधन निशांत वर्मा ने बताया कि रिपोर्ट तैयार की जा रही है, इसे बीस दिनों में तैयार कर भेज दिया जाएगा
इसमें विभाग के सामने जो चुनौती और कमी है, उसको दूर करने के लिए संसाधनों की मांग करेगा। इसमें लीफ ब्लोवर, अग्निशमन यंत्र समेत अन्य संसाधनों की मांग आदि की जाएगी, जिससे संवेदनशील जगहों पर और बेहतर ढंग से काम किया जा सके।
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