कुछ अज्ञात साइबर अपराधियों द्वारा जिलाधिकारी प्रशांत आर्य की फोटो और नाम का दुरुपयोग करते हुए एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया गया है। इस फेक आई.डी. का उपयोग आम जनमानस को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर संदेशों के माध्यम से पैसों की मांग करने जैसी आर्थिक धोखाधड़ी के प्रयास के लिए किया जा रहा है।
जिलाधिकारी कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि जिलाधिकारी द्वारा किसी भी व्यक्तिगत या सार्वजनिक कार्य के लिए किसी भी प्रकार से सोशल मीडिया के माध्यम से कभी भी पैसों की मांग नहीं की जाती है।
*इस गंभीर साइबर अपराध का संज्ञान लेते हुए, जिलाधिकारी के निर्देश पर सुसंगत धाराओं में अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी (FIR) दर्ज करा दी गई है। जिसमें भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) के तहत मामला दर्ज किया गया है और पुलिस की साइबर विशेषज्ञ टीम को इस मामले में आरोपी की पहचान कर जल्द से जल्द कार्यवाही अमल में लाने के निर्देश दिए गए हैं।*
इस संबंध में, जिलाधिकारी ने आम जनता से अपील की है कि वे इस फर्जी फेसबुक आईडी से आने वाली किसी भी संदिग्ध फ्रेंड रिक्वेस्ट या पैसों की मांग वाले संदेशों को तुरंत अनदेखा करें और किसी दशा में स्वीकार न करें। सभी नागरिक सतर्क रहें और ऐसे किसी भी संदेश पर विश्वास न करें। यदि किसी को इस फर्जी आईडी से कोई संदेश प्राप्त होता है, तो वे तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें, ताकि ऐसे जालसाज और धोखाधड़ी करने वाले साइबर अपराधियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।

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