उत्तराखंड: युवाओं के विदेश में रोजगार के सपनों को लगे पंख, मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना से भरी उड़ान
उत्तराखंड के युवाओं के लिए खुशखबरी! मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत 15 युवाओं को जर्मनी में नर्सिंग के क्षेत्र में नौकरी के लिए आफर लेटर मिले हैं। इस योजना के तहत युवाओं को देहरादून में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद वे जर्मनी में ढाई से तीन लाख रुपये मासिक वेतन वाली नौकरी शुरू कर सकेंगे।
विदेश में रोजगार के युवाओं के सपनों को मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना पंख लगा रही है। केवल प्रशांत और काव्य ही नहीं बल्कि जर्मनी में नर्सिंग के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक 13 अन्य युवा भी जल्द ही जर्मनी के लिए उड़ान भरेंगे।
कौशल विकास एवं सेवायोजन विभाग के अंतर्गत संचालित इस योजना के तहत इन युवाओं को देहरादून में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह पूर्ण होने से पहले ही इन्हें आफर लेटर भी मिल चुके हैं। जर्मनी में नर्सिंग क्षेत्र में रोजगार के लिए जिन 15 युवाओं को आफर लेटर मिला है, वे वर्तमान में देहरादून में निजी क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं।
उदाहरण-1
कोटद्वार निवासी प्रशांत रावत जीएनएम का कोर्स करने के बाद वर्तमान में देहरादून में एक निजी अस्पताल में नौकरी कर रहे हैं। प्रशांत अब जर्मन भाषा में प्रशिक्षण पूर्ण होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसके बाद वह जर्मनी में ढाई से तीन लाख रुपये मासिक वेतन वाली नौकरी शुरू कर सकेंगे। इसका आफर लेटर उन्हें पहले ही मिल चुका है।
टिहरी के काव्य चौहान ने सरकारी नौकरी के उद्देश्य से बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई की, लेकिन मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक स्वरोजगार योजना की जानकारी मिलने के बाद जर्मनी में करियर बनाने का निर्णय लिया। उन्हें भी जर्मनी में नर्सिंग क्षेत्र में नौकरी के लिए आफर लेटर मिल चुका है। वह भी प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद जर्मनी जाएंगे।
देहरादून में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण ले रहे युवा
मुख्यमंत्री कौशल उन्नयन एवं वैश्विक रोजगार योजना के तहत वे सभी इन दिनों देहरादून में जर्मन भाषा का प्रशिक्षण ले रहे हैं, ताकि उन्हें वहां भाषायी दिक्कत न आए। जर्मनी में उन्हें ढाई से तीन लाख रुपये मासिक वेतन के आफर लेटर मिले हैं। भाषा का प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद उन्हें जर्मन भाषा में बी-2 परीक्षा पास करनी है।
योजना के तहत देहरादून में भाषा का प्रशिक्षण ले रही देहरादून निवासी अवंतिका के अनुसार यदि वह बाहर से जर्मन भाषा का प्रशिक्षण लेती तो इसमें चार लाख रुपये तक का खर्च आता। राज्य सरकार के अधीन यह आधे से कम खर्च में हासिल हो रहा है।
सरकार के माध्यम से चयन होने के कारण ठगी की संभावना भी नहीं है। रानीपोखरी की आस्था शर्मा बताती हैं कि योजना के तहत उन्हें जर्मनी में दो साल का वर्क वीजा भी मिलेगा। देहरादून के प्रवीण लिंगवाल के अनुसार इस योजना में अब उनका भी विदेश में रोजगार का सपना पूरा होने जा रहा है।
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