उत्तराखण्ड राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में वाहनों की आयु सीमा के निर्धारण हेतु राज्य सरकार को अधिकृत करने के संबंध में।
उपरोक्त विषयक कृपया अवगत कराना है कि मोटर यान अधिनियम, 1988 की धारा 59 के अन्तर्गत मोटर यान की आयु सीमा नियत करने की शक्ति केन्द्रीय सरकार में निहित है। इस सम्बन्ध में अवगत कराना है कि राज्य परिवहन प्राधिकरण, उत्तराखण्ड द्वारा दिनांक 03-11-2008 को उत्तराखण्ड राज्य के मैदानी / पर्वतीय मार्गों हेतु स्टेज कैरिज, ठेका बस, मैक्सी टैक्सी, तिपहिया वाहन एवं निजी सेवायान के परमिट पर संचालित यानों के संबंध में मॉडल सीमा निर्धारित की गयी थी।
2- राज्य परिवहन प्राधिकरण, उत्तराखण्ड के आदेश दिनांक 03-11-2008 के विरूद्ध मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल के समक्ष याचिका संख्या-170/एम०एस०/2009 ऑटो विक्रम यूनियन बनाम उत्तराखण्ड राज्य व अन्य दायर की गयी, जिसे निर्णीत करते हुए मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल द्वारा दिनांक 30-06-2014 को राज्य परिवहन प्राधिकरण, उत्तराखण्ड के आदेश को निरस्त कर दिया गया। उक्त आदेशों के विरूद्ध राज्य परिवहन प्राधिकरण, उत्तराखण्ड द्वारा मा० उच्च न्यायालय, नैनीताल के समक्ष पुनर्विचार याचिका दायर की गयी, जिसे मा० उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 27-02-2017 को निरस्त कर दिया गया। इस संबंध में मा० उच्चतम न्यायालय दिल्ली के समक्ष विशेष अनुज्ञा याचिका भी दाखिल की गयी, जिसे मा० उच्चतम न्यायालय द्वारा दिनांक 26-11-2018 को निरस्त कर दिया गया।
3- उल्लेखनीय है कि राज्य में अधिकाशंतः वाहनों का संचालन पर्वतीय मार्गों पर होता है। इसके अतिरिक्त परिवहन यानों का संचालन सामान्यतः व्यावसायिक रूप में होने के कारण उनके द्वारा गैर परिवहन यानों की तुलना में काफी अधिक दूरी तय की जाती है। यदि विभिन्न परमिटों पर संचालित परिवहन यानों पर कोई मॉडल संबंधी शर्त अधिरोपित नहीं की जाती है. तो पर्वतीय मार्गों सहित अन्य मार्गो पर जीर्ण-शीर्ण एवं अधिक पुराने वाहनों का संचालन होगा, जिससे दुर्घटना की आंशका बनी रहेगी।
लेटेस्ट न्यूज़ अपडेट पाने के लिए -
👉 न्यूज़ हाइट के समाचार ग्रुप (WhatsApp) से जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट से टेलीग्राम (Telegram) पर जुड़ें
👉 न्यूज़ हाइट के फेसबुक पेज़ को लाइक करें