उत्तराखंड: उपनल कर्मी सरकार के खिलाफ करेंगे हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल, छह साल बाद भी फैसले पर अमल नहीं
हाईकोर्ट ने 2018 में अपने फैसले में कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियमावली बनाने और समान काम के लिए समान वेतन दिए जाने का आदेश दिया था।
उपनल कर्मचारियों के मामले में सरकार के सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने से नाराज कर्मचारी सरकार के खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल करेंगे। उपनल संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री प्रमोद गुसाई के मुताबिक सरकार ने छह साल बाद भी हाईकोर्ट के फैसले पर अमल नहीं किया।
दरअसल सरकार प्रदेश के उपनल कर्मचारियों के मामले में 15 अक्तूबर के सुप्रीम फैसले के खिलाफ फिर से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। सरकार ने पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। जिससे विभिन्न विभागों में उपनल के माध्यम से काम कर रहे 22 हजार से अधिक कर्मचारियों में नाराजगी है।
उपनल संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री प्रमोद गुसाई के मुताबिक हाईकोर्ट ने 2018 में अपने फैसले में कर्मचारियों को नियमित करने के लिए नियमावली बनाने और समान काम के लिए समान वेतन दिए जाने का आदेश दिया था। राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने सरकार की याचिका खारिज कर दी थी।
25 नवंबर की बैठक से नहीं है कोई खास उम्मीद
उपनल कर्मचारियों का कहना है कि उनके मामले में सरकार कई बार उप समितियां गठित कर चुकी है। लेकिन अब तक कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आए। अब 25 अक्तूबर को मुख्य सचिव ने बैठक के लिए बुलाया है, लेकिन इस बैठक से उन्हें कोई खास उम्मीद नहीं है। उन्हें यह कहते हुए लौटा दिया जाएगा कि प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में है।
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