उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय का आदेश, दोबारा आचार्य करने पर रोक… छात्रों ने किया कड़ा विरोध
दोबारा आचार्य करने पर रोक के विवि फैसले से छात्रों में आक्रोश है। छात्र आदेश वापस लेने की मांग पर अड़े हैं।
उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय ने छात्रों के दोबारा आचार्य करने पर रोक लगा दी। जिसका छात्रों ने कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कुलपति को आपत्तिपत्र देते हुए आदेश वापस लेने की मांग की है। 31 मई को हुई उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय बहादराबाद की प्रवेश समिति की 16वीं बैठक में निर्णय लिया गया कि विवि में छात्रों को किसी एक विषय स्नातकोत्तर (पीजी) यानि आचार्य कर लेने के बाद दोबारा से अन्य विषय में स्नोतकोत्तर करने के लिए प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
प्रवेश समिति की ओर से पारित प्रस्ताव के अनुपालन में शुक्रवार को कुल सचिव गिरीश अवस्थी ने आदेश जारी कर दिए। उन्होंने शैक्षणिक सत्र 2024-25 में एक विषय से स्नातकोत्तर प्रवेश करने वाले छात्र-छात्राओं को दोबारा प्रवेश नहीं दिए जाने के निर्देश दिए हैं। उधर, विश्वविद्यालय के छात्रों ने आदेश का विरोध किया है। उन्हाेंने कुलपति दिनेश चंद शास्त्री को ज्ञापन देकर आदेश वापस लेने की मांग की है।
छात्रों का कहना है कि वैसे ही संस्कृत विश्वविद्यालय छात्रों की कमी से जूझ रहा है। ऐसे में छात्रों की संख्या में और कमी आ जाएगी। कहा कि जब विश्वविद्यालय में अनेक विषयों में आचार्य की डिग्री कराई जाती है तो ऐसी रोक क्यों लगाई जा रही है। इससे छात्रों को जानबूझकर शिक्षा ग्रहण करने से रोका जा रहा है।
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