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Big breaking :-उत्तराखंड पुलिस की शानदार पहल, मुस्कान बिखेरता ऑपरेशन स्माइल*

 

*मुस्कान बिखेरता ऑपरेशन स्माइल*
गुमशुदा बच्चों, महिलाओं व पुरूषों की तलाश हेतु दिनांक 01.05.2024 से दिनांक 30.06.2024 तक 02 माह का ऑपरेशन स्माइल अभियान चलाया गया। अभियान का मुख्य उद्देश्य गुमशुदाओं की तलाश के साथ ही उनके विरूद्ध होने वाले अपराधों की रोकथाम करना तथा उन्हें अपराधों में संलिप्त होने से रोकना है।

 

 

*आज दिनांक 19.07.2024 को श्री ए0पी0 अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा पुलिस मुख्यालय में ’’ऑपरेशन स्माइल’’ के नोडल अधिकारियों व टीम प्रभारियों के साथ अभियान की समीक्षा की गयी।* उक्त गोष्ठी में पुलिस मुख्यालय स्तर पर अभियान की नोडल अधिकारी श्रीमती कमलेश उपाध्याय, पुलिस अधीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा अभियान के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गयी। अवगत कराया गया कि जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में-04, शेष जनपदों व रेलवेज में-01 टीम कुल-26 तलाशी टीमें गठित की गयी। प्रत्येक टीमों की सहायता हेतु 01-01 विधिक (अभियोजन अधिकारी) एवं टेक्निकल टीम (डी0सी0आर0बी0) का भी गठन किया गया।

 

 

 

 

टीमों द्वारा गुमशुदाओं के परिजनों से मिलकर उनका भौतिक सत्यापन कर, गुमशुदाओं का विवरण तैयार किया गया। तलाशी टीमों द्वारा अपने जनपद/अन्य जनपद के साथ ही अन्य राज्य जाकर गुमशुदाओं की तलाश की गयी। गुमशुदाओं का मिलान प्रदेश/सीमावर्ती राज्यों में बरामद लावारिस शवों से भी किया गया। गुमशुदाओं को समस्त सम्भावित स्थानों पर तलाश किया गया।

उक्त *अभियान में कुल 1370 गुमशुदाओं को बरामद किया गया, जिनमें 465 बच्चे, 391 पुरूष व 514 महिलाएं हैं। जनपद हरिद्वार द्वारा सर्वाधिक 272 व जनपद देहरादून द्वारा 269 गुमशुदाओं को बरामद किया गया।*

अभियान में सम्मिलित टीम प्रभारियों द्वारा अभियान के अनुभवों को साझा किया गया। अभियान में बरामद गुमशुदाओं के परिजनों द्वारा ऑपरेशन स्माइल के सम्बन्ध में अपने अनुभव साझा करते हुए उत्तराखण्ड पुलिस के ऑपरेशन स्माइल अभियान व उनके द्वारा किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए उत्तराखण्ड पुलिस का धन्यवाद किया गया।

अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा अवगत कराया गया कि *वर्ष 2015 से चलाये गये अभियानों में यह अभियान सबसे सफल अभियान रहा।* इस *अभियान में कुल 1370 गुमशुदाओं को बरामद किया गया, जिसमें 04 गुमशुदा अन्य राज्यों में पंजीकृत हैं।* पुलिस अधिकांशतः कानून व्यवस्था ड्यूटी में व्यस्त रहती है, इसलिए समय-समय इस प्रकार के विशेष अभियान चलाये जाने की आवश्यकता है। किसी भी व्यक्ति के गुमशुदा होने की सूचना प्राप्त होने पर संवेदनशीलता के साथ तत्काल कार्यवाही किये जाने तथा गुमशुदा व्यक्ति के बरामद होने पर उसके विरूद्ध किसी भी प्रकार के अपराध की जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल विधिक कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। अभियान के पश्चात भी बरामद हेतु शेष गुमशुदाओं को बरामद किये जाने हेतु सभी को विशेष प्रयास किये जाने की आवश्यकता है। गुमशुदाओं की बरामदगी हेतु इस ऑपरेशन स्माइल को आगे भी इसी प्रकार चलाया जायेगा। अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा गुमशुदाओं को तलाश करने हेतु टीमों द्वारा की गयी कड़ी मेहनत व लगन की प्रशंसा करते हुये सभी का धन्यवाद व्यक्त किया गया।

अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले टीम प्रभारी निरीक्षक जीतो काम्बोज (ऊधमसिंहनगर), निरीक्षक प्रदीप बिष्ट (हरिद्वार), उ0नि0 कल्पना पाण्डे (देहरादून), उ0नि0 विनयता चौहान (देहरादून), अपर उ0नि0 देवेन्द्र यादव (हरिद्वार) व उनकी टीम के सदस्यों को प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

उक्त समीक्षा गोष्ठी में सुश्री पी0 रेणुका देवी, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, सहित जनपद देहरादून, टिहरी व ऊधमसिंहनगर के नोडल अधिकारी व टीम प्रभारी उपस्थित रहे तथा अन्य नोडल अधिकारी व टीम प्रभारी व सदस्यों द्वारा गोष्ठी में ऑनलाईन प्रतिभाग किया गया।

*Best Story*
*1*
ऊँचे ख्वाब और मन में अभिलाषा / नए जीवन के स्वप्न संजोकर उन्नव की रहनी वाली 19 वर्षीय बालिका अपने मासूम नाबालिक 13 वर्षीय छोटे भाई को साथ लिये घर से बिना बताये घर में मौजूद संचय कर माता-पिता द्वारा रखे गये पैसो व अपनी माता के कान के कुण्डल लेकर बिना बताये घर से अचानक रेल के माध्यम कलियर हरिद्वार पहुंच जाते हैं जहां दरगाह शरीफ के निकट गुमशुदाओं की तलाश कर रही ऑपरेशन स्माईल टीम हरिद्वार के सम्पर्क में आते है बालक- बालिका की बातों को ध्यान से सुनकर जब कुछ समझ में आया तो वह कलियर से आर्शीवाद लेकर मुम्बई की तरफ जाने का कह रहे थे जब पूछताछ की गई तो पता चला कि बालिका व बालक घर से बिना बताये काम की तलाश में बडे शहर मुम्बई जा रहे थे। ओर सब कुछ ठीक हो इसके लिए दरगाह कलियर शरीफ सजदा के लिए आये थे ।

 

 

 

खुशनुमा व बालक आसिफ के परिजनों के विषय में जब जानकारी ली गई तो वह टालमटोल व बहाने बनाने लगे । शक होने पर तत्काल दोनों को कार्यालय लाया गया जहां बालिका व उसके भाई से अलग-अलग पूछताछ करने पर उसके परिजनों के बारे में जानकारी ली गई व तत्काल उनके परिजनों से सम्पर्क किया गया तो परिजनों द्वारा बताया गया कि ये दोनोंलगभग एक सप्ताह से घर से गायब हैं व जिन्हें उनके परिजनों द्वारा हर जगह तलाशने की कोशिश की गई जिसके सन्दर्भ में थाना कोतवाली उन्नाव में उनके परिजनों द्वारा एफआईआर न0- 276/24, धारा- 363 भादवि दर्ज करवाई गई है । बिना समय गवायें तत्काल सम्बन्धित थाने को सूचना देकर परिजनों सहित विवेचक को थाना- कलियर, जनपद- हरिद्वार बुलाकर आवश्यक विधिक कार्यवाही उपरान्त विवेचक उ0नि0 अमरचन्द ,का0 वसीम ,म0का0 रेनू व उसके परिजनो के सुपुर्द किया गया ।

 

 

 

*2*
एक युवक रेलवे स्टेशन पर ऑपरेशन स्माईल टीम देहरादून को लावारिश हालात में काफी परेशान और घवराया हुआ मिला था। इस युवक के बातचीत की गयी तो अपना नाम नहीं बता पा रहा था। इस युवक प्यार से एएचटीयू कार्यालय लाकर खाना खिलाकर विश्वास में लेकर कई दिन तक इसके फोटो को सोशल मिडिया पर शेयर करते हुए युवक से बातचीत जारी रखी तो युवक ने एक दिन बताया कि वह जब छोटा था तो मुझे एक वाहन वाला अपने साथ ले गया था। मुझे कुछ- कुछ ध्यान है मुझे बचपन में मोनू के नाम से पुकारनते थे। मेरे पिताजी एक छोटी सी पर्चुन की दुकान करते थे। टीम द्वार अथक प्रयास करने पर पाया कि यह बालक श्रीमति आशा शर्मा पत्नी श्री कपिल देव शर्मा निवासी ब्रहामण वाला, माजरा, देहरादून का पुत्र है जो 17-18 वर्ष एक भंडारे से गुम हो गया था। जिसको काफी तलाश किया गया था। नहीं मिला था। मां अपने लम्बे अरसे से जुदा पुत्र को पाकर पुनः मिलन करते हुए आने आशु नहीं रोक पायी और अंत में हंसते हुए उत्तराखण्ड़ ऑपरेशन स्माईल टीम की इस कार्य के लिए बहुत प्रशंसा की गयी।

*3*
वादिया श्रीमति सरिता पत्नी सूरज कुमार निवासी सी, 126, अमर कालोनी, नागलोई, थाना नागलोई, नई दिल्ली 41, के द्वारा कोतवाली नगर हरिद्वार में मानव गुमशुदगी क्रमांक 08/2024 दिनांकः 29.3.2024 को अपने पति श्री सूरत कुमार की पंजीकृत करायी गयी थी। वादिया द्वारा बताया गय था कि उनके पति दिनांकः 21.3.2024 को घर से हरिद्वार गंगा नहाने और घूमने के लिए गये थे। मेरे पति से मेरी दिनांकः 22.3.2024 तक बात हुई थी। उसके बाद उनका फोन बंद आ रहा था। हमने अपने पति को बहुत तलश किया लेकिन नहीं मिले। अंतिम बार जब मेरी मेरे पति से बात हुई थी तो हरिद्वार में ही थे। देहरादून ऑपरेशनस्माईल टीम के अ0उ0नि0 कृपाल सिंह द्वारा हरिद्वार में गुमशुदाओं का अज्ञात शवों से मिलान के दौरान एक अज्ञात शव का चेहरा गुमशुदा सूरज कुमार से मिलता-जुलता होना पाया गया। अ0उ0नि0 कृपाल सिंह द्वारा श्रीमति सरिता को बताया कि आपके गुमशुदा पति श्री सूरज कुमार की शक्ल सूरत से मिलता जुलता एक अज्ञात व्यक्ति का शव ज्वालापुर रेलवे स्टेशन के पास माल गोदाम पर लावारिश हालात में मिला था। इस सूचना पर श्रीमति सरिता व उसके जेठ जी श्री संतोष कुमार थाना ज्वालापुर आये और थाने पर रखे अज्ञात शव रजिस्टर पर लगी मृतक की फोटो एवं जिल्द पंचायत नामा को देखकर अवलोकर कर इत्मीनान कर बताया कि यही सूरत कुमार है, जो गुम हो गये थे। जिनकी हमारे द्वार कोतवाली नगर हरिद्वार में गुमशुदगी की रिपोर्ट अंकित करायी गयी थी। उपरोक्त शव की शिनाख्त में टीम नम्बर तीन देहरादून द्वारा अथक प्रयास, कठिन मेहनत व लगन से काम करते हुए वैज्ञानिक तकनीकी का सहारा लेते हुए शिनाख्त करायी गयी।

*4*
दिनांक 28-05-24 को गुमशुदा सुनीता देवी की माताजी शशि देवी द्वारा सूचना दी कि मेरी पुत्री सुनीता देवी पत्नी स्वर्गीय वीरेंद्र सिंह निवासी ग्रस्तगंज कोटद्वार उम्र 49 वर्ष जो मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं दिनांक 19-05-24 को कोटद्वार से ट्रेन में बैठकर कहीं चली गई है। तब ऑपरेशन स्माइल टीम से महिला उपनिरीक्षक सुमन लता महिला कांस्टेबल विद्या मेहता द्वारा कड़ी लगन व मेहनत से कार्य करते हुए उपरोक्त गुमशुदा महिला का पता लगाया गया जिसका कानपुर होना प्रतीत हुआ टीम परिजनों को लेकर कानपुर गई जहां पर लोगों द्वारा बताया गया कि एक महिला जो 26-27 तारीख में सड़क दुर्घटना हुई थी उसमें महिला को काफी चोट आई थी उन्हें 112 के माध्यम से पुलिस द्वारा सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन अब वह जीवित है या नहीं कह नहीं सकते हो सकता है कि उसकी मौत हो गई हो इस बात को सुनकर ऑपरेशन स्माइल टीम की महिला कांस्टेबल विद्या मेहता व परिजन काफी दुखी हुए। तब महिला कांस्टेबल विद्या मेहता द्वारा ढांढस बधाते हुए परिजनों को अस्पताल लेकर गए, महिला वहां पर भी नहीं मिल पाई, अस्पताल द्वारा बताया गया कि वह बिना बताए ही कहीं चली गई है आज सुबह ही तब महिला कांस्टेबल व परिजनों द्वारा कड़ी मेहनत व लगन से गुमशुदा महिला को अकबरपुर क्षेत्र में तलाशा गया सड़क किनारे लावारिस अवस्था में बैठी हुई मिल गयी जो रो रही थी। महिला को वहा से बरामद कर सकुशल कोटद्वार एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट कार्यालय लाये। दिनांक 30-5-24 को महिला उप निरीक्षक सुमन लता महिला कांस्टेबल विद्या मेहता द्वारा महिला को दवाइयां दिलवाई गई तत्पश्चात महिला व उनके परिजनों की काउंसलिंग की गई बाद काउंसलिंग महिला को सकुशल गुमशुदा की माता उसके बेटे , बेटियों के सुपुर्द किया गया। उचित हिदायत देकर वह परिजनों को समझाया गया कि इनका इलाज कराये व देखरेख करें। अपनी माता को कुशल देखकर बेटा वह बेटियां काफीखुश हुई वह पौड़ी पुलिस का धन्यवाद ज्ञापित करने लगी।

*5*
नादानी व खेल-खेल में बच्चों के साथ घर से बिना बताये बालक उम्र 12 वर्ष का हरिद्वार आ जाना ।
जनपद हरिद्वार के ऑपरेशन स्माईल टीम दौराने भौतिक सत्यापन व तलाश गुमशुदा बालक उम्र 12 वर्ष नगर कोत0 क्षेत्र हरकी पौडी के पास एक सुनसान जगह पर पेड के नीचे रोता हुआ मिला ।

 

 

 

बालक को विश्वास में लेकर बातचीत की गई तो बालक ने बताया कि मैं घर से बिना बताये बच्चो के साथ ट्रेन के माध्यम से हरिद्वार आ गया था । मेरे साथ के बच्चे मुझे छोडकर पता नहीं कहा चले गये है ओर मुझे घर की बहुत याद आ रही है मुझे यह समझ नही आ रहा कि मैं घर अपने माता -पिता के पास कैसे जाऊं । टीम द्वारा बालक की मनोदशा को देखते हुए विश्वास में लेकर कहा गया कि हम आपको आपके परिजनों के पास ले जा रहे है , कार्यालय लाकर उसके परिजनों के सम्बन्ध में जानकारी ली गई तो बालक ने बताया कि मेरा परिवार मूल रुप से सरैया थाना चोरी चोरा जिला गोरखपुर का रहने वाला हैं तथा वर्तमान में हम लोग जवाहर नगर थाना सारन जिला फरीदाबाद हरियाणा में किराये के मकान पर रह रहें है बालक रोते -रोते बोला कि मुझे मेरे माता-पिता की बहुत याद आ रही हैं। उसकी बात सुनकर बिना देरी किये टीम द्वारा थाना सारन फरीदाबाद में सम्पर्क किया गया तो जानकारी मिली कि उक्त बालक के सम्बन्ध में उसके परिजनों द्वारा एफआईआर न0- 407/24, धारा- 365 भादवि पंजीकृत है ।

 

 

 

 

इस पर थाना सारन द्वारा बालक के परिजनों से सम्पर्क कर और उनको साथ में लेकर हरिद्वार लाया गया जहां पर विवेचक व परिजनों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया । जहां पर बालक व उसके परिजनों की उचित काउन्सलिंग/ विधिक कार्यवाही कर बालक को विवेचक अ0उ0नि0 नावेद व शशि की सुपुर्दगी में दिया गया । इस प्रकार जनपद हरिद्वार की ऑपरेशन स्माईल टीम द्वारा बालक को उसके परिजनों से मिलवाकर उनके चहरो में मुस्कान बिखेरी गई।

 

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Author: Swati Panwar
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