उत्तराखंड पंचायत चुनाव मतदाता सूची में गड़बड़झाला, हाई कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
नैनीताल से आई खबर के अनुसार उत्तराखंड में पंचायत चुनावों की मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी सामने आई है। देहरादून के एक गांव में सिर्फ दो परिवार रहते हैं लेकिन मतदाता सूची में 122 नाम दर्ज हैं। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को छह सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने और मतदाता सूची को दुरुस्त करने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता ने सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
राज्य में पंचायत चुनावों के लिए तैयार मतदाता सूची में बड़ा गड़बड़झाला उजागर हो रहा है। देहरादून जिले की ग्राम सभा बडौत अंतर्गत ग्राम सतेला में केवल दो ही परिवार वर्तमान में निवास कर रहे हैं, दोनों ही परिवारों में बिजली के मीटर लगे हुए हैं, अन्य परिवार रोजगार की तलाश में पलायन कर चुके हैं।
जब पंचायत चुनाव की मतदाता सूची का सत्यापन हुआ तो गांव की 122 ग्रामीणों के नाम मतदाता सूची में दर्ज हैं जबकि गांव में सालों से दो परिवार ही निवास कर रहे है। राज्य के अन्य जिलों में भी इस तरह की गड़बड़ी संभावित है।
अब हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को जिलाधिकारी देहरादून की ओर से मतदाता सूची की जांच को बनाई कमेटी को छह सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने तथा जिन मतदाताओं के नाम दो मतदाता सूची में दर्ज हैं, उस सूची को दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने याचिका को अंतिम रूप से निस्तारित कर दिए हैं।
गुरुवार को वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आशीष नैथानी की खंडपीठ में देहरादून जिले की ग्राम सभा बड़ौत के सतेली निवासी महिपाल सिंह की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें कहा गया है कि उनके ग्राम में केवल दो ही परिवार वर्तमान में निवास कर रहे हैं।
अन्य परिवार रोजगार की वजह से पलायन कर चुके है। जब पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट का सत्यापन हुआ तो ग्राम में 122 लोगो के नाम वोटर लिस्ट में दर्ज है। जबकि सालों से ग्राम में दो परिवार ही निवास कर रहे है। ऐसे ही हाल अन्य जिलों के गांवों का भी है
याचिका में यह भी कहा गया है कि राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ दो परिवारों को भी नहीं मिल पा रहा है। आरोप लगाया कि अधिकारी गांव की मतदाता सूची के आधार पर गांव के विकास के बहाने योजनाओं का धन हड़प रहे है। याचिका में मतदाता सूची का फिर से सत्यापन करने की प्रार्थना की है, ताकि सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग न हो।
इस संबंध में याचिकाकर्ता की ओर से दो साल से डीएम देहरादून को प्रत्यावेदन दिया गया, इसके बाद जिलाधिकारी की ओर से इसकी पुष्टि करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की लेकिन अभी तक इस प्रकरण पर कमेटी ने कोई निर्णय नहीं लिया। निर्णय नहीं लेने पर आगामी पंचायत चुनाव प्रभावित हो सकते हैं। याचिका में प्रार्थना की गई है कि कमेटी को मतदाता सूची चुनाव से पहले दुरुस्त करने की जाए

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