उत्तराखंड: मुनस्यारी Eco Hut Scam पर एक्शन में केंद्र, राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट, मुकदमा चलाने का निर्देश
मुनस्यारी में इको हट्स के निर्माण में वन कानूनों के उल्लंघन पर कड़ा रुख अपनाया है. वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की एक रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार को एक कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है.
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के मुनस्यारी में इको हट्स के निर्माण में वन कानूनों के उल्लंघन पर कड़ा रुख अपनाया है. वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी की एक रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने उत्तराखंड सरकार को एक कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) प्रस्तुत करने और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने का निर्देश दिया है.
13 अगस्त को पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा जारी एक पत्र में, केंद्र ने प्रमुख सचिव, वन को भारतीय वन अधिनियम, 1927 और वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के उल्लंघन में शामिल व्यक्तियों और संगठनों की पहचान करने को कहा है. राज्य को वन (संरक्षण) नियम, 2023 के तहत औपचारिक शिकायत दर्ज करने के लिए एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित करने का भी निर्देश दिया गया है.
₹1.63 करोड़ से अधिक मूल्य के ये उल्लंघन 2019 से चल रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण कार्य बिना निविदाओं के किया गया, एक निजी फर्म को बिना अनुमोदन के चुना गया, और एक विवादास्पद समझौता ज्ञापन के तहत पर्यटन आय का 70% एक निजी संस्था को हस्तांतरित कर दिया गया.
पिथौरागढ़ के तत्कालीन प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) डॉ. विनय भार्गव जांच के घेरे में हैं. उन्हें इस साल जुलाई में राज्य सरकार द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है.
चतुर्वेदी की 500 पन्नों की रिपोर्ट में धन शोधन की आशंका का हवाला देते हुए भार्गव के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने और मामले को सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंपने की भी सिफारिश की गई है.
यह पहली बार नहीं है जब डॉ. भार्गव पर अनियमितताओं के आरोप लगे हैं. 2015 में, राज्य सरकार ने उन्हें “अनुभवहीनता” का हवाला देते हुए क्लीन चिट दे दी थी.

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