उत्तराखंड लेखपाल संघ का प्रदर्शन: मांगों को लेकर किया कार्य बहिष्कार, कहा- लेखपालों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं
विभिन्न मांगों को लेकर जिलेभर के लेखपालों ने तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार मंगलवार से शुरू कर दिया। आंदोलित लेखपालों ने यहां तहसील परिसर में धरना दिया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की।
उत्तराखंड लेखपाल संघ के प्रांतीय आह्वान पर विभिन्न मांगों को लेकर जिलेभर के लेखपालों ने तीन दिवसीय कार्य बहिष्कार मंगलवार से शुरू कर दिया। आंदोलित लेखपालों ने यहां तहसील परिसर में धरना दिया और अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी की।
सभा में वक्ताओं ने खतौनियों में प्रत्येक खातेदार का अंश निर्धारण करने के लिए राजस्व उपनिरीक्षकों को पर्याप्त संसाधन और तकनीक उपलब्ध न कराने पर रोष जताया। वक्ताओं ने एक स्वर में अंश निर्धारण करने के लिए साक्ष्य उपलब्ध कराने का दायित्व खातेदार का कराने, अंश निर्धारण के लिए पर्याप्त समय देने, इस कार्य के लिए लैपटॉप व इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराने, अधिक खरीद-फरोख्त वाले खातों में अंश निर्धारण के लिए खातेधारकों को नोटिस देने का प्रावधान करने व अनजाने में होने वाली गलतियों पर राजस्व उपनिरीक्षकों को संरक्षण देने की मांग की। कार्य बहिष्कार के दौरान संघ के नैनीताल जिलाध्यक्ष जितेंद्र मिश्रा, जिला मंत्री आशुतोष चंद्र, मनोज रावत, लक्ष्मी नारायण यादव, अरुण, संजय, डीएस पंचपाल समेत हल्द्वानी, कालाढूंगी, रामनगर और लालकुआं के लेखपाल शामिल थे।
उत्तराखंड लेखपाल संघ के प्रदेश महामंत्री तारा चन्द्र घिल्डियाल ने कहा कि सरकार समझ ले कि मानव-तकनीकी संसाधन व पुराने भू-अभिलेख उपलब्ध कराने का दायित्व खातेदार का हो। उन्होंने कहा किसी भी हालत में लेखपालों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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