उत्तराखंड हाईकोर्ट का सख्त रुख, शिक्षकों की पूर्व सेवा को जोड़ते हुए वरिष्ठता देने के आदेश पर रोकउत्तराखंड हाईकोर्ट ने बेसिक से समायोजित शिक्षकों की पूर्व सेवा को जोड़ते हुए वरिष्ठता देने के शिक्षा सचिव के 29 सितंबर के आदेश पर रोक लगा दी है।हाईकोर्ट ने बेसिक से समायोजित शिक्षकों की पूर्व सेवा को जोड़ते हुए वरिष्ठता देने के शिक्षा सचिव के 29 सितंबर के आदेश पर रोक लगा दी है।
इस मामले में सरकार को छह सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं।न्यायाधीश न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में शिक्षक सोबन सिंह सहित अन्य की याचिका पर सुनवाई हुई। याचिका में कहा गया है कि विभाग की ओर से 5500-9000 ग्रेड वेतन निर्धारण की तिथि से वरिष्ठता दी जा रही है, जो नियम विरुद्ध है। याचिकाकर्ता एलटी सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त है।
हाईकोर्ट की खंडपीठ की ओर से पूर्व में पारित आदेश को गलत ठहराते हुए वरिष्ठता तय की जा रही है। उस आदेश में कहा गया था कि याचिकाकर्ताओं की वरिष्ठता की गणना उस तिथि से की जाएगी, जिस दिन उन्हें यह वेतनमान दिया गया था। बता दें कि एलटी और बेसिक हेड मास्टर का ग्रेड वेतन समान होता है।
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