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उत्तराखंड सरकार ने इन लोगों से की आयुष्मान योजना छोड़ने की अपील, जानें- धामी सरकार का नया प्लान

आयुष्मान योजना का बढ़ता बजट अब सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है. वित्त विभाग ने राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए इस पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है.

उत्तराखंड सरकार ने राज्य में आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से अटल आयुष्मान योजना का लाभ न लेने का आग्रह करने की योजना बनाई है. आयुष्मान योजना के तहत वर्तमान में राज्य के सभी लोगों को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है. हालांकि, योजना का बढ़ता बजट अब सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है. वित्त विभाग ने राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए इस पर पुनर्विचार करने की सलाह दी है.

शुरुआती वर्षों में इस योजना का वार्षिक बजट 100-200 करोड़ रुपये था, लेकिन धीरे-धीरे लाभार्थियों की संख्या बढ़ने के कारण यह बजट अब 600 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. वित्त विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 तक इसका बजट 1200 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है. राज्य सरकार के सीमित संसाधनों को देखते हुए यह स्थिति चिंताजनक मानी जा रही है.

“आर्थिक रूप से सक्षम लोग न लें आयुष्मान योजना का लाभ”
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार आयुष्मान योजना के तहत सभी को मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान कर रही है. हालांकि, सरकार अब उन लोगों से अपील करेगी, जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं और इलाज का खर्च स्वयं उठा सकते हैं, वे इस योजना का लाभ न लें. यह कदम उन गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए अधिक फायदेमंद साबित होगा, जो वास्तव में इस सुविधा के पात्र हैं.

प्रदेश में 23.89 लाख राशन कार्ड धारक परिवार हैं. इनमें से 97.11 लाख लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं. इनमें से अब तक 58 लाख लाभार्थियों के कार्ड सक्रिय हैं. साथ ही, राज्य के 4.73 लाख कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए गोल्डन कार्ड भी जारी किए गए हैं.

आयुष्मान योजना का लाभ फिलहाल राज्य के हर नागरिक को मिलता है, चाहे उसकी आर्थिक स्थिति कुछ भी हो. राज्य सरकार इस व्यवस्था में बदलाव करने पर विचार कर रही है ताकि इसका लाभ उन्हीं लोगों तक सीमित रहे, जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है. इसके लिए जागरूकता अभियान चलाने और आर्थिक रूप से सक्षम लोगों को योजना छोड़ने के लिए प्रेरित करने की योजना बनाई जा रही है.

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में हुआ सुधार”
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, आयुष्मान योजना ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार किया है. हालांकि, वित्त विभाग का कहना है कि राज्य के सीमित बजट और बढ़ते खर्च को देखते हुए इस योजना में संशोधन करना जरूरी है. अगर योजना का बजट इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो राज्य के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों के विकास पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

राज्य सरकार का कहना है कि आयुष्मान योजना का उद्देश्य जरूरतमंदों और गरीबों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. इसलिए आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से इसे छोड़ने का आग्रह किया जाएगा ताकि जरूरतमंदों को इस योजना का अधिकतम लाभ मिल सके. आयुष्मान योजना उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी परिवर्तन लेकर आई है. लेकिन इसे टिकाऊ और प्रभावी बनाए रखने के लिए सरकार को बजट नियंत्रण और लाभार्थियों की पहचान के लिए सख्त कदम उठाने होंगे.

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Author: Swati Panwar
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