उत्तराखंड: नेपाल बॉर्डर पर बसे आखिरी गांव की बेटी बनी जज, धनिष्ठा ने पास की PCS-J परीक्षा
उत्तराखंड पीसीएस-जे का परीक्षा परिणाम जारी कर दिया है, इस परीक्षा में नेपाल की सीमा पर सटे कानड़ी की धनिष्ठा ने भी सफलता का परचम लहराया है।चम्पावत: धनिष्ठा आर्या के उत्तराखंड न्यायिक सेवा सिविल न्यायाधीश (पीसीएस-जे) परीक्षा उत्तीर्ण करने पर परिजनों और ग्रामीणों में बेहद ख़ुशी है,
सभी लोग उन्हें बधाइयाँ देने उनके घर पहुँच रहे हैं। गांव का नाम रोशन करने के उपलक्ष्य में ग्रामीणों द्वारा पूरे गांव में मिष्ठान वितरित किया जा रहा है।उत्तराखंड पीसीएस-जे के परीक्षा परिणाम में कुल 16 अभ्यर्थियों को सफलता मिली है, जिसमें से 11 लड़कियां हैं। इस परीक्षा में विशाल ठाकुर ने टॉप किया है। सफल अभ्यर्थियों में एक नाम धनिष्ठा आर्या का भी है ये नेपाल सीमा पर बसे कानड़ी के रहने वाली हैं। रिजल्ट आते ही जब उनके जज बनने की सूचना गाँव वालों को पड़ी तो उन्होंने ख़ुशी जाहिर करते हुए पूरे गांव में मिठाइयां बाँटना शुरू कर दिया, उनका कहना है कि धनिष्ठा ने अपनी मेहनत से गांव का नाम रोशन किया है, जिससे वे बेहद खुश हैं।
एपीओ के पद पर कार्यरत है धनिष्ठा
धनिष्ठा आर्या वर्तमान में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग सहायक अभियोजन अधिकारियों (एपीओ) के पद पर चम्पावत जिले में तैनात हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गाँव से की और फिर लखनऊ से दसवीं और बारहवीं की परीक्षा पास की। धनिष्ठा ने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर सेंट्रल यूनिवर्सिटी से बीबीए, एलएलबी की किया है। उनकी पिता प्रेम राम आर्य पीएनबी से सेवानिवृत्त हो चुके हैं और माता शशि किरन यूपी के लखनऊ में खादी ग्रामो उद्योग में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। सभी ने उनकी इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए बधाई दी है।
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