उत्तराखंड: सीएम धामी बोले- अपराध पर जीरो टॉलरेंस, नौ नवंबर से पहले लागू होगा UCC, लैंड जिहाद पर कही ये बात
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड सहित पूरे देश में न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य को मजबूर करने का काम लगातार किया जा रहा है। गत 10 सालों में केंद्र सरकार ने न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आठ हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य स्थापना दिवस से पहले प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू हो जाएगा। प्रदेश में धर्मांतरण कानून, दंगा रोधी कानून और नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद उत्तराखंड की पहचान देश के अनुशासित और अपराध के प्रति जीरो टॉलरेंस रखने वाले राज्यों के रूप में हुई है। उन्होंने मंच से लव जिहाद और लैंड जिहाद करने वाले लोगों को चेताया और कहा कि प्रदेश का माहौल खराब करने वाले लोगों को किसी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने ये बातें मंगलवार को पुरानी जेल परिसर में अधिवक्ताओं के चेंबर भवन के शिलान्यास के दौरान कहीं।
हरिद्वार मार्ग स्थित पुरानी जेल परिसर में न्यायालय भवन लगभग बनकर तैयार हो चुका है। इसी परिसर में अधिवक्ताओं को भी चेंबर निर्माण के लिए पांच बीघा भूमि आवंटित हुई थी। चेंबर भवन शिलान्यास के लिए बार एसोसिएशन की ओर से मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बुलाया गया था। उन्होंने शिलान्यास और भूमि पूजन किया और अधिवक्ताओं को इसके लिए शुभकामनाएं दीं
इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित पूरे देश में न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य को मजबूर करने का काम लगातार किया जा रहा है। गत 10 सालों में केंद्र सरकार ने न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आठ हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। केंद्र सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के तमाम कानूनों को हटाकर आज की नई आवश्यकता के अनुसार नए कानूनों को लागू किया है। इन कानूनों के लागू होने के बाद न्याय की अवधारणा को और अधिक मजबूती मिलेगी।
इस दौरान उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सहित पूरे देश में न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े कार्य को मजबूर करने का काम लगातार किया जा रहा है। गत 10 सालों में केंद्र सरकार ने न्यायिक इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आठ हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। केंद्र सरकार ने अंग्रेजों के जमाने के तमाम कानूनों को हटाकर आज की नई आवश्यकता के अनुसार नए कानूनों को लागू किया है। इन कानूनों के लागू होने के बाद न्याय की अवधारणा को और अधिक मजबूती मिलेगी।
उन्होंने कहा कि लंबे समय से बार एसोसिएशन देहरादून चेंबर भवन की मांग कर रहा था। इसके संबंध में एसोसिएशन के साथ अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के पदाधिकारियों ने भेंट कर नए भवन के लिए जमीन मांगी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि साढ़े पांच हजार से ज्यादा अधिवक्ता और अन्य लोग कार्यरत हैं। लिहाजा यहां चेंबर भवन के निर्माण के लिए पांच बीघा जमीन बार एसोसिएशन को दी गई थी।
इस जमीन पर 1500 चेंबर, एक ऑडिटोरियम, लाइब्रेरी, कैंटीन, पार्किंग बनाई जाएगी। यह भवन नौ मंजिला बनाया जाएगा। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक खजान दास, विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, जिला जज प्रेम सिंह खिमाल, बार एसोसिएशन देहरादून के अध्यक्ष राजीव शर्मा, सचिव राजवीर सिंह बिष्ट और अधिवक्तागण उपस्थित थे।
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