उत्तराखंड 20 कृषि उत्पादों को जल्द मिलेगा GI Tag, राज्य सरकार उठा रही गंभीर कदम
उत्तराखंड सरकार राज्य के विशिष्ट उत्पादों को जीआई टैग दिलाने के लिए प्रयासरत है। अब तक 27 उत्पादों को यह टैग मिल चुका है और 20 कृषि उत्पादों को जल्द मिलने की उम्मीद है। 100 नए उत्पादों को जीआई टैग दिलाने का लक्ष्य है। जीआई टैग उत्पाद को वैश्विक पहचान दिलाता है और प्रतिस्पर्धा में मदद करता है। पढ़ें खबर विस्तार से।
मध्य हिमालयी राज्य उत्तराखंड अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के साथ ही विशिष्ट उत्पादों के लिए भी पहचान रखता है। इन उत्पादों से देश-दुनिया को परिचित कराने के दृष्टिगत इन्हें भौगोलिक संकेतक यानी जीआइ (ज्योग्राफिकल इंडिकेशन) टैग दिलाने की दिशा में सरकार गंभीरता से कदम उठा रही है।
अब तक 27 उत्पादों को जीआइ टैग मिल चुका है, जबकि 20 कृषि उत्पादों को जल्द ही यह मिलने की उम्मीद है। इस सिलसिले में महानियंत्रक पेटेंट, डिजाइन व ट्रेड मार्क्स की टीम राज्य की ओर से भेजे गए प्रस्तावों का परीक्षण कर चुकी है। यही नहीं, 100 नए कृषि उत्पादों को जीआइ टैग दिलाने के उद्देश्य से कसरत शुरू की जा रही है।
भौगोलिक संकेतक ऐसा टैग है, जो किसी उत्पाद को उसके विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र के साथ जोड़ता है। यह उसके मूल स्थान और उससे जुड़ी प्रतिष्ठा, गुणवत्ता व अन्य विशेषताओं को प्रदर्शित करता है। किसी उत्पाद को जीआइ टैग हासिल होने के बाद कोई उसके नाम का उपयोग नहीं कर सकता
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत महानियंत्रक पेटेंट, डिजाइन व ट्रेडमार्क द्वारा उत्पाद का हर पहलू से परीक्षण करने के बाद यह टैग प्रदान किया जाता है। किसी उत्पाद को यह टैग मिलने के बाद उसे वैश्विक स्तर पर न केवल पहचान मिलती है, बल्कि प्रतिस्पर्धा व ब्राडिंग का लाभ मिलता है। इस सबको ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड के विभिन्न उत्पादों को जीआइ टैग दिलाने की दिशा में सरकार प्रयासों में जुटी है।
कृषि उत्पाद, जिन्हें जल्द मिलेगा जीआइ
उत्तराखंड कुट्टू-फाफर, उत्तराखंड हर्षिल राजमा, उत्तराखंड जख्या, जम्बू, टिमरू, पहाड़ी मसूर, नवरंग दाल, रुद्राक्ष, पुलम, नाशपाती, काफल, किल्मोड़ा, बदरी गाय घी, अल्मोड़ा बाल मिठाई, अल्मोड़ा सिंगोड़ी मिठाई, नैनीताल ज्योलीकोट शहद, कौसानी चाय, उत्तराखंड गंदरायणी, नींबू, पहाड़ी आलू।
इन उत्पादों को मिल चुका जीआइ टैग
उत्तराखंड तेजपात, उत्तराखंड बासमती चावल, भोटिया दन, उत्तराखंड एपण कला, कुमाऊं च्यूरा आयल, मुनस्यारी सफेद राजमा, उत्तराखंड रिंगाल क्राफ्ट, उत्तराखंड ताम्र उत्पाद, उत्तराखंड थुलमा, उत्तराखंड बेरीनाग चाय, उत्तराखंड मंडुवा, झंगोरा, गहथ, लाल चावल, काला भट, माल्टा, चौलाई, बुरांस शर्बत, बिच्छू बटी फेब्रिक्स, पहाड़ी तोर दाल, अल्मोड़ा लखौरी मिर्च, नैनीताल मोमबत्ती, कुमाऊंनी पिछौड़ा उत्पाद, रामनगर-नैनीताल लीची, रामगढ़-नैनीताल आड़ू, चमोली रम्माण मुखौटा व उत्तराखंड लिखाई लकड़ी की नक्काशी।
20 कृषि उत्पादों पर जीआइ टैग के लिए पूर्व में आवेदन किया गया था, जिन पर अब कार्रवाई अंतिम चरण में है। इसके साथ ही 100 नए उत्पादों को जीआइ टैग दिलाने के लिए विभाग को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। – एसएन पांडेय, सचिव कृषि एवं उद्यान

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